आतंकी हमले की पूर्व सूचना के लिए नया तंत्र

न्यूयॉर्क, 29 जून | शोधकर्ताओं ने एक नया तंत्र विकसित किया है, जो यह भविष्यवाणी करेगा कि आतंकी हमला कब होगा। यह तंत्र वर्ष 1970 से 2014 के बीच हुए एक लाख 40 हजार से अधिक आतंकी हमलों के विश्लेषण के आधार पर ऐसा करेगा। बिंघमटन विश्वविद्यालय के सलीह टुटुन एवं उनके सहयोगियों द्वारा विकसित यह तंत्र आतंकी हमलों के खास लक्षणों जैसे आतंकी हमले का समय और हथियार के प्रकार जैसी चीजों में संबंध का आकलन करता है।

टुटुन ने कहा, “वे सीख रहे हैं, लेकिन वे नहीं जानते कि वे सीख रहे हैं। यदि हमारे पास सोशल मीडिया नहीं है या अन्य प्रौद्योगिकियां नहीं हैं तो हमें उनके तरीके को समझने की जरूरत है। हमारा तंत्र यह परिभाषित करने का काम करता है कि कौन मापने का तरीका महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने कहा, “इस गुण के आधार पर हम एक नई समरूपता(बातचीत में) प्रणाली प्रस्तुत करते हैं। इसके बाद हम समरूपता(बातचीत में) प्रणाली का इस्तेमाल दो हमलों के बीच अंतर को समझने के लिए करते हैं (किस तरह से वे एक दूसरे से बातचीत करते हैं)। उदाहरण के तौर पर पेरिस और 9/11 के हमलों में क्या संबंध है? जब हम इस पर ध्यान देते हैं कि क्या इनमें कोई संबंध है, तो हम एक नेटवर्क बनाते हैं।

टुटुन ने हाल में कैलिफोर्निया में संपन्न 2016 इंडस्ट्रियल एंड सिस्टम्स इंजीनियरिंग रिसर्च कांफ्रेंस(आईएसईआरसी) में अपने कार्य का प्रदर्शन किया है।

इससे पहले के अध्ययनों में विभिन्न हमलों के दौरान उनकी एक दूसरे के साथ संबंध की जगह आतंकियों के व्यक्तिगत व्यवहार (व्यक्ति के रूप में) के बारे में समझने पर ध्यान दिया गया था।

आतंकी गतिविधि की पहचान या तो खास घटनाओं पर केंद्रित रही, जिसमें उनके बीच किस तरह बातचीत हुई, उसकी व्यापकता या नेटवर्क विश्लेषण पर ध्यान नहीं दिया गया। यह नेटवर्क के बारे में एक सामान्य विचार तो देता है, लेकिन एक आतंकी विशेष की भूमिकाओं और उनके बीच की बातचीत को दरकिनार कर दिया गया।

टुटुन ने कहा, “आतंकियों की गतिविधियों की भविष्यवाणी करना तो एक सपना है, लेकिन उनके तरीके का इस्तेमाल कर कुछ इलाकों की रक्षा कर पाना एक वास्तविकता है। यदि आप तरीके को जानते हैं तो आप जोखिम को कम कर सकते हैं। यह भविष्यवाणी करने के बारे में नहीं है, यह समझने के बारे में है।”

–आईएएनएस