आनंदीबेन ने किया गतिशील गुजरात के चौथे चरण का शुभारंभ

अहमदाबाद, 27 अप्रैल (जनसमा)। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने प्रशासनिक कार्य संस्कृति एवं जनसेवा परक दृष्टिकोण को अधिक तेज गति एवं जनहितकारी परिणामोन्मुखी बनाने की प्रतिबद्धता के साथ मंगलवार को गतिशील गुजरात के चौथे चरण का शुभारंभ किया।

गतिशील गुजरात के इससे पहले के तीन चरणों में क्रमशः 138, 126 एवं 133 फीसदी उपलब्धि हासिल होने के बाद राज्य की विकास यात्रा को ज्यादा गतिशील करने के उद्देश्य से इस चौथे चरण में जिला प्रशासनिक तंत्र के साथ सरकार के विभागों के बीच गहन संकलन साधने की भूमिका उन्होंने पेश की।

पटेल ने विश्वास जताया कि कुल 19 थीम के तहत करीब 251 जनकल्याण परक पहलुओं के साथ गतिशील गुजरात का यह विकास जनअभियान प्रशासनिक कार्यसंस्कृति में जनाभिमुखता का दृष्टिकोण प्रेरित करने वाला साबित होगा। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि जनहित के कार्यों को यह सरकार कभी भी रुकने नहीं देगी।

मुख्यमंत्री ने गतिशील गुजरात के चौथे चरण की विशेषता का जिक्र करते हुए कहा कि जिला स्तर पर अधिकारियों की विविध टीम बनाकर सप्ताह में एक बार जिले के गांवों का दौरा कर, लोगों के बीच बैठकर जनसमस्याओं के स्थल पर ही निराकरण करने के नवीन दृष्टिकोण को नियमित रूप से अपनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गतिशील शब्द अब गुजराती प्रशासनिक कार्य संस्कृति की पहचान बन गया है और आम नागरिक भी अपने कार्यों में गतिशीलता की अपेक्षा रखने लगा है। इसे पूर्ण करने के लिए चौथे चरण में जिला तंत्र एवं राज्य स्तर के विभाग लंबित मामले ढूंढकर निराकरण लाएंगे।

आनंदीबेन पटेल ने सहजता एवं सरलता के साथ समस्याओं का निवारण कर लक्ष्यांक उपलब्धि हासिल करने का ही नहीं, बल्कि आम नागरिक के कल्याण के संवेदनशील कार्य-भाव का लक्ष्य रखने के उदाहरण के साथ प्रेरक सीख भी दी।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में अद्यतन सुविधायुक्त स्मार्ट विलेज निर्माण की राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत गतिशील गुजरात के चौथे चरण में गांवों में आगामी एक मई को गुजरात स्थापना दिवस से लेकर दो अक्टूबर, महात्मा गांधी जयंती तक विकास कार्यों का कार्यारंभ करने का आह्वान करते हुए कहा कि, इस प्रक्रिया के तहत निरंतर विकास परक कामों के जरिए राज्य के गांवों को स्मार्ट विलेज बनाना है।

उन्होंने जन समस्या निवारण के कार्यक्रम- लोक संवाद सेतु की आगामी श्रृंखलाओं में पूर्व आयोजित कार्यक्रमों में प्रस्तुत की गई समस्याओं के निवारण की गति-प्रगति की समीक्षा शुरू करने का सुझाव दिया।