अहमदाबाद, 07 अप्रैल (जनसमा)। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने संकल्प जताया कि जिस प्रकार गुजरात में औद्योगिक विकास सहित समग्रतया गतिशीलता का वैश्विक वातावरण तैयार हुआ है उसमें यह युवा नौकरी इच्छुक नहीं बल्कि नौकरी दाता बनेंगे। बुधवार को अहमदाबाद के टैगोर हॉल में आयोजित समारोह में आनंदीबेन ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 4700 युवाओं को रोजगार-व्यवसाय के नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
उन्होंने राज्य के युवाओं से हुनर और स्वरोजगार की आत्मनिर्भरता हासिल कर गरीबी से बाहर आने का प्रेरक आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने भारी संख्या में उपस्थित युवाओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि आज के टेक्नोसेवी युग में समयानुकूल कौशल्य, ज्ञान-स्किल प्राप्त कर युवाओं में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का समग्र वातावरण बदलने की क्षमता है।
मुख्यमंत्री ने इन तलीमार्थियों में आदिजाति, युवाओं, विधवा बहनों, दिव्यांगों का भी समावेश कर उन्हें आर्थिक आधार प्रदान करने की पीपीपी योजना का उल्लेख किया। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि विकलांगों- दिव्यांगों के विकलांगता प्रमाण पत्रों की समय सीमा पांच वर्ष से बढ़ाकर सरकार ने इसे आजीवन किए जाने का फैसला किया है। ऐसे व्यक्तियों को एसटी. बस में नि:शुल्क यात्रा का जो पास दिया जाता है उसे भी अब लाइफटाइम कर दिया गया है। इस संवेदनात्मक घोषणा को जनता ने तालियों की गड़गड़ाहट से सराहा।
ग्रामीण नारी शक्ति भी इस कौशल्य योजना में शामिल होकर परिवार का आर्थिक आधार बनी है। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में 2 लाख से ज्यादा सखीमंडल में 45 लाख से ज्यादा महिलाएं 1700 करोड़ का कारोबार सम्भाल रही हैं।
उन्होंने ग्रामीण कौशल्य योजना में दक्षता हासिल करने के बाद युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रेरित मुद्रा बैंक की दस हजार से दस लाख तक का ऋण लेकर अपने सपने साकार करने का मार्गदर्शन दिया।
साथ ही, गुजरात में स्वास्थ्य सुरक्षा के ब्रेस्ट सर्वाइकल कैंसर जांच- उपचार अभियान, डायबिटीज निदान- उपचार, मा वात्सल्यम कार्ड, किसानों को 1 फीसदी दर से ऋण सहायता, पशुपालकों को उदारतम सहायता और मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत उच्च अभ्यास की सुविधाओं की जानकारी भी दी।
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