मुंबई, 2 अप्रैल )| देश के शीर्ष बैंक द्वारा प्रमुख दरों में कटौती के साथ विदेशी निवेश की अच्छी आवक और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से आनेवाले दिनों में रुपये को मजबूती मिलने की संभावना है। विशेषज्ञों ने शनिवार को यह बात कही।
बाजार पर्यवेक्षकों को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केंद्रीय बजट में वित्तीय घाटे को काबू में रखने के कदम उठाने, छोटी जमा दरों में कटौती और कम मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए प्रमुख दरों में कटौती करेगा।
प्रमुख दरों में कटौती से आनेवाले हफ्तों में रुपये को सहारा मिलने की उम्मीद है।
आरबीआई 2016-17 की अपनी पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पांच अप्रैल को करने वाला है।
आनंद राठी फाइनेंसियल सर्विस के मुद्रा सलाहकार व वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिरेन शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “बाजार विश्लेषकों को आधार अंक (बीएसपी रेट) में 25 अंकों की कटौती की उम्मीद है। हालांकि कुछ 50 अंकों की कटौती की उम्मीद भी कर रहे हैं। इस पर ही नए वित्त वर्ष का रुख निर्भर करेगा।”
“अगर ऐसा होता है तो शेयर बाजारों में काफी सकारात्मक माहौल होगा और रुपये के मूल्य में मजबूती आएगी।”
शर्मा ने आनेवाले हफ्तों में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 66.20-65.80 से 66.80-67.10 के बीच का अनुमान लगाया है।
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च के विश्लेषक बंसी माधवानी ने आईएएनएस को बताया, “इक्विटी सेगमेंट में तगड़े विदेशी निवेश (एफआईआई) से वैश्विक स्तर पर डॉलर कमजोर होगा, जिससे डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूती मिलेगी।”
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