नई दिल्ली, 14 जून | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को अयोग्य करार दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वह आप से डरे हुए हैं। एक ऑडियो बयान में केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि संसदीय सचिव पद पर संभाल रहे आप के 21 विधायकों के पीछे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं, बल्कि गृह मंत्रालय उनके पीछे पड़ा है।
आप नेता ने कहा कि नगालैंड और पंजाब में 24 संसदीय सचिव हैं, हिमाचल प्रदेश में छह, राजस्थान में पांच जबकि हरियाणा, गुजरात, पुदुच्चेरी, और पश्चिम बंगाल में भी संसदीय सचिव हैं।
केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में संसदीय सचिवों को एक लाख रुपये से अधिक मेहनताना मिलता है। इसके अलावा लालबत्ती वाली कार और एक सरकारी बंगला भी मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे संसदीय सचिवों को एक पैसा नहीं मिलता, तब भी सब उनके पीछे पड़े हैं और मोदी उन्हें अयोग्य ठहरवाना चाहते हैं।”
केजरीवाल ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री उन्हें अयोग्य करार दिलाना चाहते हैं तो देश के सभी संसदीय सचिवों को अयोग्य करार दिया जाना चाहिए। केवल दिल्ली के विधायकों को ही क्यों? यहां तक कि मोदीजी के भी गुजरात में संसदीय सचिव हैं।
यह पूछे जाने पर कि मोदी अन्य राज्यों के संसदीय सचिवों को अयोग्य करार क्यों नहीं दिला रहे हैं? जवाब में केजरीवाल ने कहा, “क्योंकि मोदीजी आप से डरे हुए हैं। मोदीजी को कांग्रेस से डर नहीं है। वह वास्तव में आप से डरे हुए हैं।”
केजरीवाल का यह बयान तब आया है जब मीडिया की खबरों में कहा गया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक प्रस्तावित कानून पर सहमति देने से इनकार कर दिया है, जिसमें 21 विधायकों को अतिरिक्त पद पर रहने की वजह से अयोग्य करार दिए जाने से पूर्ववर्ती प्रभाव से बचाव का प्रावधान है। दो पदों पर रहने को असंवैधानिक माना जाता है।
केजरीवाल ने कहा, यहां राष्ट्रपति फैसले नहीं लेते हैं। हो सकता है कि संचिकाएं उन तक पहुंची ही नहीं हों। यह फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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