रायपुर, 17 मार्च। छत्तीसगढ़ के आवास एवं पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की आवास योजनाओं के तहत छत्तीसगढ़ में वर्ष 2022 तक सभी आवास विहीन परिवारों को मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। मूणत ने आज अपरान्ह यहां विधानसभा में आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 की प्रस्तावित अनुदान मांगों पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उनके जवाब के बाद सदन में इस विभाग से संबंधित 790 करोड़ 86 लाख 95 हजार रूपए की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
राजेश मूणत ने कहा कि समाज के सभी आय वर्गों के परिवारों को मकान उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि सरकार 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। इस ध्येय की प्राप्ति के लिए देश में प्रधानमंत्री आवास योजना का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ पहला राज्य बना, जहां इस योजना को सबसे पहले स्वीकृत की गई। इस योजना का सबसे पहले शुभारंभ भी नया रायपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा विगत बारह वर्षों में लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। गृह निर्माण मंडल के माध्यम से राज्य प्रवर्तित अटल आवास योजना, दीनदयाल आवास योजना, कुशाभाऊ ठाकरे तथा अटल बिहार योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना और अन्य सामान्य आवासीय योजनाओं के माध्यम से अब तक 72 हजार भवनों का निर्माण किया जा चुका है।
मूणत ने सदन को बताया कि नया रायपुर छत्तीसगढ़ की नई राजधानी के तौर पर तेजी से विकसित हो रहा है। इसके विकास की कल्पना आज साकार होने लगी है। यह शहर भविष्य में देश के महत्वपूर्ण नगर होगा। नया रायपुर में भावी पीढ़ी के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए शिक्षण संस्थानों को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। विधि विश्वविद्यालय, ट्रिपल आई.टी., आई.टी.एम., निजी स्कूल और विश्वविद्यालय तथा होटल प्रबंधन संस्थान जैसे उच्च शिक्षा संस्थान पहले ही संचालित हैं, वहीं आई.आई.एम. के भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने पर्यावरण विभाग की अनुदान मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य की औद्योगिकीकरण लगातार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल में ’ऑनलाईन कन्सेन्ट मैनेजमेंट एण्ड मॉनिटरिंग सिस्टम’ की स्थापना कर ली गई है। मंडल द्वारा लाल श्रेणी, नारंगी श्रेणी तथा हरी श्रेणी के उद्योगों को प्रदान की जाने वाली सम्मति नवीनीकरण की अधिकतम अवधि क्रमशः पांच वर्ष, 10 वर्ष तथा 15 वर्ष कर दी गई है। वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था का सतत संचालन सुनिश्चित करने के लिए 17 प्रकार के प्रदूषणकारी प्रकृति के उद्योगों को ऑनलाईन ईमीशन मानिटरिंग व्यवस्था स्थापित करने निर्देश किया गया है।
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