जोधपुर, 8 जनवरी (हि.स.)। अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका पर फैसला उनके खिलाफ आया। उनकी जमानत याचिका एक बार फिर खारिज हो गई। इससे उनके समर्थको को निराशा हो गई।
आसाराम फाइल फोटो: आईएएनएस
आसाराम की जमानत याचिका पर गत सोमवार को जिला न्यायालय में सुनवाई हुई थी। भाजपा नेता और एडवोकेट डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने आसाराम की जमानत याचिका पर पैरवी की थी। इससे पूर्व आसाराम की सभी सात जमानत याचिकाएं विभिन्न न्यायालयों में खारिज हो चुकी है। एेसे में सभी की निगाह इस बात पर लगी है कि इस बार डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी आसाराम को जमानत दिला पाएंगे या नहीं। जिला एवं सेशन न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास आज इस याचिका पर फैसला सुनाया।
पुलिस सतर्क, विशेष तैयारी की
जमानत पर फैसला आने से पहले ही आसाराम के समर्थक जोधपुर में जुटने लग गए है। शुक्रवार तक इनकी संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई एेसे में पुलिस ने भी अपने स्तर पर भारी भीड़ से निपटने को विशेष तैयारी की ।
जमानत का आठवां प्रयास
करीब सवा दो साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम जमानत हासिल करने के लिए अब तक सात प्रयास कर चुके है। उन्हें हर बार निराशा हाथ लगी। जिला न्यायालय उनकी चार जमानत याचिकाओं को खारिज कर चुका है। वहीं राजस्थान उच्च न्यायालय दो बार तथा उच्चतम न्यायालय एक बार आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर चुका है। करीब तीन माह पूर्व डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने उनकी तरफ से जिला न्यायालय में पैरवी की थी लेकिन न्यायालय ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था।
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