नई दिल्ली, 8 फरवरी (जनसमा)। अब इंटरनेट कम्पनियां डाटा सेवाओं के मनमाने चार्ज वसूल नहीं कर सकेंगी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) ने आज ‘डाटा सेवाओं के लिए भेदभावपूर्ण शुल्कों का निषेध नियम, 2016 जारी किया है।
इससे इंटरनेट उपभोक्ता बिना किसी रुकावट और भेदभाव के इंटरनेट सेवाएं देने वाली कम्पनियों से एक दर पर डाटा सेवाएं प्राप्त कर सकेगा। इसके परिणामस्वरूप सेवा प्रदानकर्ता किसी उपभोक्ता द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले कंटेंट के आधार पर डाटा सेवाओं के लिए भेदभावपूर्ण शुल्कों की पेशकश नहीं कर सकेंगे अथवा भेदभावपूर्ण शुल्कों की वसूली नहीं कर सकेंगे।
टीआरएआई ने दिसंबर, 2015 में ‘डाटा सेवाओं के लिए भिन्न मूल्य निर्धारण’ पर एक परामर्श पत्र जारी किया था। इस परामर्श पत्र में विभिन्न हितधारकों से इस विषय पर राय मांगी गई थी कि क्या सेवा प्रदानकर्ताओं को इंटरनेट पर उपयोग में लाई जाने वाली वेबसाइटों( एप्लीकेशन्स) प्लेटफॉर्मों के आधार पर उपभोक्ताओं से अलग-अलग शुल्क वसूलने की इजाजत दी जाए अथवा नहीं।
प्राप्त प्रतिक्रियाओं और आंतरिक विचार-विमर्श के आधार पर प्राधिकरण ने अब इन नियमों को जारी किया है। इन नियमों का उद्देश्य इंटरनेट पर उपभोक्ताओं की निर्बाध और भेदभाव रहित पहुंच सुनिश्चित करना है। इन नियमों का एक अन्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इंटरनेट सुविधा के उपभोक्ताओं से कंटेंट के आधार पर डाटा सेवाओं के लिए अलग-अलग शुल्क न वसूले जाएं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण सेवा प्रदानकर्ताओं द्वारा उपर्युक्त आदेश पर किए जाने वाले अमल पर करीबी नजर रखेगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण दो साल बाद अथवा उपयुक्त समझे जाने पर इससे पहले की किसी तारीख को इस आदेश की समीक्षा कर सकता है।
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