इलाहाबाद, 15 जनवरी । उत्तर प्रदेश के प्रयाग (इलाहाबाद) में मकर संक्रांति पर्व पर शुक्रवार को सुबह से ही लाखों श्रद्धालु संगम तट पर जुटे हुए हैं और उन्होंने गंगा और यमुना में डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि मकर संक्रांति पर 25 लाख लोग स्नान करेंगे।
श्रद्धालु रात में ही संगम तट पर जुट गए थे और भोर से ही स्नान का सिलसिला शुरू हो गया जो देर शाम तक चलेगा।
मकर संक्रांति के अवसर पर संगम स्नान की महत्ता के बारे में आचार्य रमेश उपाध्याय बताते हैं कि महाभारत काल में गंगा पुत्र भीष्म को अर्जुन ने अपने बाण से घायल कर दिया था। भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान था, इसलिए उन्होंने कहा था कि जब सूर्य उत्तरायण होंगे तभी वह अपने प्राण त्यागेंगे।
उन्होंने बताया कि ऐसी धार्मिक मान्यता है कि उत्तरायण सूर्य में प्राण त्यागने वाले को बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
संगम के अलावा अन्य तटों पर भी स्नान हो रहा है। कुल 7260 फीट जगह में 12 स्नान घाट बनाए गए हैं। मकर संक्रांति का यह स्नान आज देर शाम तक चलेगा।
इलाहाबाद में मकर संक्रांति पर शहर में ट्रैफिक डायवर्जन रहेगा। भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगायी गयी है। घाटों पर डीप वाटर बेरिकेडिंग की गई है। संगम क्षेत्र तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को काफी दूर तक पैदल चलना पड़ रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र में यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। मेले में जाने के लिए अलग पीपे के पुल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मेले की निगरानी में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे लगे हुए हैं। 2000 फीट में बना संगम का स्नान घाट बनाया गया है। अरैल स्नान घाट 700 फीट लंबा है। गंगा जी के पश्चिम, राम घाट 250 फीट का बनाया गया है।
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