श्रहरिकोटा, 22 जून | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से बुधवार सुबह एक साथ 20 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया। इनमें पृथ्वी की निगरानी करने वाला उपग्रह काटरेसैट, गूगल कंपनी टेरा बेला का स्काईसैट जेन2-1 और अन्य 18 उपग्रह शामिल हैं। 44.4 मीटर लंबा और 320 टन वजनी पीएसएलवी ने सुबह 9:26 बजे 20 उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी। सभी उपग्रहों का वजन 1,288 किलोग्राम है।
फोटो: आईएएनएस
इस रॉकेट का मुख्य और सबसे वजनी हिस्सा पृथ्वी के अवलोकन से संबंधित 725.5 किलोग्राम का काटरेसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह है।
इस उपग्रह पहले काटरेसैट-2, 2ए और 2बी के समान हैं।
अन्य 19 उपग्रहों में 560 किलोग्राम के अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ-साथ चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय और पुणे के कॉलेड ऑफ इंजीनियरिंग के दो उपग्रह शामिल हैं।
काटरेसैट उपग्रह से भेजी जाने वाली तस्वीरें काटरेग्राफिक, शहरी, ग्रामीण, तटीय भूमि उपयोग, जल वितरण और अन्य अनुप्रयोगों के लिए मददगार होंगी।
इसरो के मुताबिक, गूगल कंपनी टेरा बेला से संबद्ध 110 किलोग्राम वजनी स्काईसैट जेन2-1 एक छोटा उपग्रह है, जो सब-मीटर रिजोल्यूशन इमेज लेने और हाई डिफनिशन वीडियो बनाने में सक्षम है।
प्रक्षेपित विदेशी उपग्रहों में कनाडा का 85 किलोग्राम वजनी एम3एमसैट, इंडोनेशिया का 120 किलोग्राम वजनी एलएपीएसएन-ए3, जर्मनी का 130 किलोग्राम वजनी बीआईआरओएस और कनाडा का ही 25.5 किलोग्राम वजनी जीएचजीसैट-डी उपग्रह शामिल है।
सत्यभामा विश्वविद्यालय का 1.5 किलोग्राम वजनी सत्याभामासैट उपग्रह ग्रीन हाउस गैसों के आंकड़े एकत्र करेगा। वहीं, पुणे का एक किलोग्राम का स्वायन उपग्रह हैम रेडियो कम्युनिटी को संदेश भेजेगा।
इसरो पहली बार इस मिशन के तहत एक ही रॉकेट से 10 से अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है।
साल 2008 में इसरो ने पीएसएलवी रॉकेट से 10 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे। अब तक भारत 57 विदेशी उपग्रहों का सफल प्रक्षपेण कर चुका है। –आईएएनएस
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