नई दिल्ली, 28 सितम्बर | पाकिस्तान की मेजबानी में नवंबर में होने वाला 19वां दक्षेस शिखर सम्मेलन (सार्क) संभवत: स्थगित हो जाएगा। दक्षिण एशिया के आठ देशों के इस समूह के चार देशों -भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान- ने इस शिखर सम्मेलन से खुद को अलग रखने का निर्णय लिया है। इन देशों ने इसका कारण पाकिस्तान पर इस क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देना बताया है। नेपाल के सूत्रों के अनुसार, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल ने इसकी पुष्टि की है कि चार देशों का उसे संदेश मिला है, जिन्होंने कहा है कि इन देशों ने इस्लामाबाद में नौ और 10 नवंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेने में अपनी असमर्थता जता दी है।
फोटो : काठमांडू में वर्ष 2014 में हुए 18वें सार्क सम्मेलन में भाग लेने वाले सदस्य देशों के नेता। (आईएएनएस)
सूत्रों ने कहा कि नेपाल को एक माह से कुछ अधिक समय बाद होने वाले इस सम्मेलन को स्थगित करने के बारे में अभी निर्णय लेना है।
दक्षेस की प्रक्रिया सर्वसम्मति पर आधारित है। एक सदस्य भी यदि सम्मेलन में भाग नहीं लेता है, तो सम्मेलन स्वत: स्थगित या रद्द हो जाता है।
हालांकि अंतिम निर्णय दक्षेस के मौजूदा महासचिव अर्जुन बहादुर थापा पर निर्भर करता है, जो अभी संयुक्त राष्ट्र में हैं और दो दिनों बाद लौटेंगे।
इस क्षेत्रीय संगठन के आठ में से चार सदस्यों ने इसमें भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, इसलिए ज्यादा संभावना है कि शिखर सम्मेलन स्थगित हो जाएगा। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी शर्मिदगी होगी।
श्रीलंका पहले ही कह चुका है कि दक्षेस सम्मेलन भारत की भागीदारी के बगैर संभव नहीं होगा।
भारत ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह 18 सितम्बर को जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सीमा पार से हुए आतंकी हमले को देखते हुए इस्लामाबाद सम्मेलन से अलग हो रहा है। उस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया है।
भारत ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि क्षेत्र में सीमा पार से बढ़ते आतंकवादी हमले और ‘एक देश द्वारा’ दक्षेस के सदस्यों के आंतरिक मामले में बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा माहौल पैदा कर दिया है, जो 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “भारत नेपाल को अपने इस निर्णय से अवगत करा दिया है कि वह सम्मेलन में भाग नहीं लेगा।” इससे पहले इस्लामाबाद के दक्षेस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने का कार्यक्रम था।
स्वरूप ने कहा है कि भारत अब भी क्षेत्रीय सहयोग, क्षेत्रों को जोड़ने और संपर्क बढ़ाने के लिए अडिग है, लेकिन उसका मानना है कि यह केवल आतंक मुक्त माहौल में ही आगे बढ़ सकता है।
उन्होंने बयान में कहा है, “मौजूदा परिस्थितियों में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थ है।”
पाकिस्तान ने बहिष्कार के इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है।
अफगानिस्तान ने मंगलवार को नेपाल को भेजे संदेश में कहा है, “अफगानिस्तान पर आतंकवाद थोपने के परिणामस्वरूप हिंसा और संघर्ष के बढ़ जाने के कारण अफ गानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी सर्वोच्च कमांडर के रूप में पूरी तरह व्यस्त रहेंगे। सम्मेलन में भाग ले पाना संभव नहीं हो पाएगा।”
इसी तरह के एक संदेश में बांग्लादेश ने कहा है, “बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में एक देश के बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा वातावरण बना दिया है, जो इस्लामाबाद में नवंबर 2016 में 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है।”
संदेश में कहा गया है, “इसे देखते हुए बांग्लादेश प्रस्तावित इस्लामाबाद सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थ है।”
भूटान ने अपने संदेश में कहा है, “इस क्षेत्र में आतंकवाद में हुई वृद्धि उनके भाग नहीं लेने का कारण है।” –आईएएनएस
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