बेंगलुरू, 18 फरवरी (जनसमा)। समाज के लिए बहुत कुछ करने का दावा अनेक लोग करते हैं किंतु आप उस शख्स को क्या कहेंगे जो अपने शरीर के दो टुकड़े हो जाने के बाद भी यह कहे कि मेरे अंग जिसके काम आएं उसे दे देना और फिर वह हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर लेता है।
यह कहानी 23 साल के एक ऐसे युवक की है जिसका शरीर ट्रक से कुचल दिए जाने के बाद उसके दो टुकड़े हो जाते हैं और 20 मिनट तक वह सड़क पर पड़ा मदद के लिए कराहता रहा और लोग मदद के बजाय उसका वीडियो बनाते रहे।
खैर, यह घटना है मंगलवार सुबह की। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-4 पर पंचायत चुनाव में वोट डालकर हरीश नानजप्पा अपनी मोटर साइकिल से बेंगलुरू की तरफ जा रहा था कि थिप्पागोंडानाहल्ली कस्बे के पास तेज गति से आते हुए एक ट्रक ने उसे कुचल दिया और उसके दो टुकड़े हो गए।
धड़ सहित उसके शरीर का एक हिस्सा एक ओर पड़ता था और दूसरा हिस्सा अलग पड़ा था। ट्रक उसे रौंद कर जा चुका था।
वह दर्द से कराह रहा था और लोग उसका वीडियो बना रहे थे। लोग उसके पास से गुजरते और आगे चले जा रहे थे। सौभाग्य से 8 मिनट में ही एंबुलेंस पहुंच गई और उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया। उसने एंबुलेंस में स्वाथ्यकर्मियों से कहा कि वह अपनी आंखें दान करना चाहता है।
इस घटना में उसका सिर और आंखें इसलिए बच गईं क्योंकि उसने हेलमेट पहन रखा था।
सोशल मीडिया पर अनेक लोगों ने उसे ‘दधीचि’ कहकर सम्मानित किया है। प्राचीन कथाओं में कहा गया है कि ऋषि दधीचि ने देवताओं को युद्ध लड़ने और शस्त्र बनाने के लिए अपनी हड्डियां दान कर दी थीं।
वस्तुतः हरीश मरकर भी मानवता के लिए अपना कर्तव्य निभा गया।
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