शिलांग, 7 सितम्बर | भारत की अब तक की सबसे सफल महिला मुक्केबाज मैरीकोम ने कहा, “अगर मैं रियो जा पाती तो निश्चित तौर पर पदक लेकर ही लौटती। अब मेरा पेशा बदल चुका है। मैंने राजनीति में आने के बार में कभी सोचा भी नहीं था, लेकिन मुझे लगता है कि ईश्वर चाहता है कि मैं समाज के लिए कुछ करूं। मैं सिर्फ मणिपुर के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए कुछ अच्छा करूंगी।”
एम. सी. मैरीकॉम ने मंगलवार को कहा कि अगर वह रियो ओलम्पिक में प्रवेश पा जातीं तो रियो से पदक लेकर ही लौटतीं। नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू) की ओर से आयोजित एक समारोह के दौरान मैरीकोम ने यह बयान दिया।
फोटो आईएएनएस: नई दिल्ली में संसद भवन में सांसद मैरी कॉम
समारोह में विश्वविद्यालय ने मैरीकोम को सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि मैरीकोम राज्यसभा सांसद हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालय एनईएचयू इसी वर्ष 29 मार्च को मैरीकोम को डी. लिट की मानद उपाधि प्रदान कर चुका है।
मैरीकोम ने कहा, “मुझे रियो न जा पाने का बेहद अफसोस है। मेरे लिए यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि मैं क्वालिफाई नहीं कर पाई।”
मैरीकॉम कजाकिस्तान के अस्ताना में हुए विश्व चैम्पियनशिप के दूसरे दौर में हार गई थीं और रियो ओलम्पिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं।
पांच बार विश्व चैम्पियन रह चुकीं मैरीकोम ने हालांकि इसके बाद वाइल्ड कार्ड के जरिए रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने की पेशकश भी ठुकरा दी थी।
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