चण्डीगढ़, 02 जून (जनसमा)। हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि किसानों के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना-ई-नाम से प्रदेश का किसान व व्यापारी खुशहाल होगा। इस योजना के तहत किसानों की फसल को राष्ट्रीय बाजार में उचित दाम मिलेगा। प्रदेश में 2018 तक सभी 108 मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ा जाएगा, जबकि पहले चरण में 27 मंडियों को इस योजना में शामिल किया गया हैं तथा इस योजना के तहत शाहबाद व अम्बाला की मंडी शामिल हैं।
ओमप्रकाश धनखड़ ने बुधवार को यह जानकारी शाहबाद में राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना ई-नाम के शुभारम्भ अवसर पर दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश के किसान व व्यापारी को ई-मंडी के तहत जोड़ा गया है। इस योजना से किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलेगा वहीं व्यापारी ई-मार्किटिंग से अपनी खरीद कर सकेगा। प्रदेश में मार्किटिंग करने के लिए व्यापारी को एक मंडी के लिए लाईसैंस लेना होता था, परंतु ई-मार्किटिंग से अब व्यापारी पूरे प्रदेश की मंडियों से एक जगह से ही एक लाईसैंस पर ही खरीद कर सकता हैं। इससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा, कीमतों में खुलापन होगा, बड़े पैमाने पर खरीद होने से गुणवता, टूट-फूट तथा उत्पाद खराब होने का अनुपात भी कम होगा। किसान राज्य से बाहर स्थित मंडियों में कृषि उपज की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इस पायलट योजना का शुभारम्भ 14 अप्रैल 2016 को किया जा चुका है। पायलट चरण में 8 राज्यों के अंदर 23 उत्पादों एवं 21 मंडियों को शामिल किया गया है। मार्च 2018 तक देश की 585 मंडियों व प्रदेश की सभी 108 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत राज्य की विभिन्न मंडियों में किसानों का पंजीकरण किया जा रहा हैं। शाहबाद मंडी में करीब 2500 किसानों का पंजीकरण किया जा चुका हैं। पंजीकरण के बाद किसान अपनी फसल को किसी भी मंडी में बेच सकेंगे। अब हरियाणा के किसानों की पहचान पूरे देश में होगी। सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से अब फसल का पैमाना मशीन द्वारा जाँचा जाएगा। इस योजना से किसानों को मौसम व अन्य मंडियों के मूल्यों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। किसान अपनी जरुरत व मौसम के अनुसार फसल को मंडियों में ला सकेंगे।
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