नई दिल्ली, 27 जनवरी (जनसमा)। आतंकवादियों और उग्रवादियों पर शिकंजा कसने लिए पांच राज्य 17 रिजर्व बटालियनें बनाएंगे ताकि आम जनजीवन में शंति स्थापित रह सके और लोगों को समुचित सुरक्षा प्रदान की जासके।
केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की बैठक में जम्मू-कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित राज्यों को 17 भारतीय रिजर्व बटालियनों (आईआर बटालियन) के गठन की मंजूरी दे दी गई। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में पांच, छत्तीसगढ़ में चार, झारखंड में तीन, ओडिशा में तीन और महाराष्ट्र में दो बटालियनों का गठन किया जाएगा।
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुद्धवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।
इन 17 बटालियनों के गठन में जिन बातों पर जोर दिया गया है, वे इस प्रकार है:
- स्थानीय युवकों की भर्ती की जाएगी। यदि जरूरी हुआ तो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य उम्र और शैक्षिक मानदंडों में छूट दे सकेंगे।
- जम्मू.कश्मीर में गठित की जाने वाली पांच आईआर बटालियनों में कांस्टेबल और चतुर्थ श्रेणी के पदों की 60 प्रतिशत रिक्तियां सीमावर्ती जिलों से भरी जाएंगी।
- वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के अंतर्गत आने वाले 27 कोर जिलों से कांस्टेबल के 75 फीसदी रिक्त पदों को भरा जाएगा।
भारत सरकार ने 1971 में भारतीय रिजर्व बटालियन योजना शुरुआत की थी। सरकार अब तक विभिन्न राज्यों में 153 आईआर बटालियनों के गठन को मंजूरी दे चुकी हैए जिनमें से 144 बटालियनें गठित की जा चुकी हैं। झारखंड में एक बटालियन को विशेष भारतीय रिजर्व बटालियन (एसआईआरबी) में तब्दील कर दिया गया हैए इसमें दो इंजीनियरिंग और पांच सुरक्षा कंपनियां हैं।
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