भोपाल, 17 फरवरी। मध्यप्रदेश के उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक होने वाले सिंहस्थ के सभी काम तेजी से किये जा रहे हैं। सिंहस्थ मेला क्षेत्र 3,413 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। सिंहस्थ में 5 करोड़ श्रद्धालुओं के उज्जैन आने का अनुमान है। मेला क्षेत्र में बिजली से संबंधित सभी काम भी पूरे हो गये हैं।
मेला क्षेत्र में 3700 विद्युत पोल ऐसे रहेंगे, जो मार्गदर्शक की भूमिका निभायेंगे। मेला क्षेत्र को डामर और सीसी रोड को मुख्य रोड मानते हुए रोड नंबर और पोल नंबर के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यदि कोई व्यक्ति मंगलनाथ क्षेत्र में है और वह अपने किसी परिचित को अपनी वास्तविक लोकेशन बताना चाहता है तो उसे पोल क्रमांक और रोड क्रमांक आसानी से बताकर अपनी जानकारी दे सकता है। सभी बिजली पोल पर नंबर डालने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
मेला क्षेत्र में अब तक 3,582 भू-खण्ड आवंटित किये जा चुके हैं। मेला क्षेत्र में 4,392 भू-खण्ड का आवंटन किया जायेगा। इसके लिये आवेदन 7 मार्च तक दिये जा सकेंगे। अब तक कालभैरव जोन में 387, मंगलनाथ में 1224, दत्त अखाड़ा में 1668 और महाकाल जोन में 303 भू-खण्ड आवंटित किये जा चुके हैं।
उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए अस्थि-रोग विशेषज्ञ और आपदा प्रबंधन के जानकार डॉ. जी.डी. नागर ने ‘आकस्मिक आपदाएँ : प्राथमिक उपचार एवं देखभाल” पर किताब लिखी है। पिछले दिनों उज्जैन कलेक्टर कवीन्द्र कियावत और सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष दिवाकर नातू ने पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक से सिंहस्थ के आयोजन और व्यवस्थाओं से जुड़े कार्मिकों और कार्यकर्ताओं को काफी मदद मिलेगी।
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