उज्जैन, 21 मई | मध्य प्रदेश की तीर्थ नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ का शनिवार को अंतिम शाही स्नान जारी है। इस शाही स्नान की शुरुआत परंपरा के अनुसार जूना अखाड़े साधुओं के स्नान से हुई। यह पहला मौका है जब शैव और वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों के साधु एक ही समय पर अलग-अलग घाटों पर स्नान कर रहे हैं। उज्जैन में शनिवार की सुबह से ही अखाड़ों की टोलियां अपनी-अपनी छावनियों से निकलकर क्षिप्रा नदी की ओर बढ़ने लगीं। इसके चलते यहां की सड़कें साधु-संतों से पट गईं। इन अखाड़ों के महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर और महंत विभिन्न पालकियों, घोड़े आदि पर सवार होकर क्षिप्रा नदी के घाट पर पहुंचे। सबसे पहले जूना अखाड़े के साधु संतों ने स्नान किया।
शाही स्नान की परंपरा के मुताबिक, विभिन्न अखाड़ों के नागा साधु सबसे पहले त्रिशूल को स्नान कराते हैं और उसके बाद स्वयं डुबकी लगाते हैं। नागा साधुओं के स्नान के बाद ही अन्य साधु-संत स्नान करते हैं। तीसरे शाही स्नान में इसी परंपरा के मुताबिक स्नान का क्रम बना हुआ है।
पहले तय की गई व्यवस्था के मुताबिक, तीसरे व अंतिम शाही स्नान में क्षिप्रा नदी के दत्त अखाड़े पर शैव संप्रदाय व रामघाट वैष्णव सम्प्रदाय के अखाड़ों के साधु, संत शाही स्नान कर रहे हैं। शाही स्नान का क्रम तड़के तीन बजे से ही शुरू हो गया। यह पहला मौका है जब दोनों संप्रदाय से जुड़े अखाड़े एक ही समय पर अलग-अलग घाटों पर स्नान कर रहे हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने स्नान करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सिंहस्थ कुंभ की व्यवस्थाएं अद्भुत रहीं। इतना ही नहीं, इस सिंहस्थ में इतिहास रचा गया है, जब एक ही समय पर दोनों संप्रदाय के अखाड़ों के साधु-संत एक ही समय पर स्नान कर रहे हैं।
एक तरफ जहां अखाड़ों का स्नान जारी है, वहीं तीसरी शाही स्नान में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्घालु पहुंच रहे हैं। पिछले शाही स्नान के मुकाबले तीसरे शाही स्नान में ज्यादा भीड़ होने के मद्देजनर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
एक तरफ जहां सुरक्षा के इंतजाम हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के इंतजाम किए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एऩ के. त्रिवेदी ने बताया कि शाही स्नान में शामिल होने वाले सभी अखाड़ों के साथ विभाग द्वारा चिकित्सक एवं पैरामेडिकल दल सहित एक-एक आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस तैनात की गई है। शाही स्नान प्रारंभ होने से शाही स्नान समाप्ति तक आकस्मिक स्थिति में त्वरित रूप से स्वास्थ्य लाभ देने के लिए यह एंबुलेंस मौजूद रहेगी।(आईएएनएस)
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