उज्जैन, 27 मार्च(जनसमा)। जैसे-जैसे सिंहस्थ की तिथियाँ नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे साधु-संतों का आगमन भी प्रारंभ हो गया है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में साधु-संत अपने पड़ाव-स्थलों पर तप, योग, साधना करते सहज ही देखे जा सकते हैं। मेला क्षेत्र में श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं।
यहा के सभी अखाड़ों में स्थायी निर्माण कार्य करवाये जारहे हैं ताकि इसका फायदा सिंहस्थ के बाद भी मिलता रहेगा। यह बात श्री दिगम्बर अणि अखाड़ा के प्रभारी महंत रामचन्द्रदासजी महाराज ने कही।
साधु-संत फाइल फोटो
श्री पंचरामानंदीय दिगम्बर अणि अखाड़े की स्थापना लगभग 700 वर्ष पहले हुई थी। जगदगुरु बालानंदाचार्य और श्री रामानंदाचार्य ने अखाड़े की स्थापना की थी। वैष्णव सम्प्रदाय के इस अखाड़े की उज्जैनए चित्रकूटए नासिकए अयोध्याए वृन्दावन और जगन्नाथपुरी में प्रमुख शाखाएँ हैं। अखाड़े के देशभर में 450 के लगभग खालसा हैं। भगवान सीता.रामजी और श्री हनुमान अखाड़े के आराध्य हैं।
पंचक्रोशी यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं को सराहा
सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखन सिंह ने पंचक्रोशी यात्रा मार्ग और पड़ाव-स्थल पर श्रद्धालुओं के लिये की गयी व्यवस्थाओं की सराहना की है। उन्होंने निर्देश दिये कि अम्बोदिया श्री बिलकेश्वर महादेव मंदिर परिसर के समीप स्थायी शौचालय का निर्माण करवाया जाये ताकि श्रद्धालुओं को कठिनाई का सामना न करना पड़े।
पंचक्रोशी यात्रा एक से 6 मई तक निकलेगी। पंचक्रोशी मार्ग के विभिन्न पड़ाव पर तैनात होने वाले लगभग 350 अधिकारी-कर्मचारियों को व्यवस्था संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। पंचक्रोशी मार्ग में श्रद्धालुओं को किराना, दूध एवं सभी आवश्यक सुविधाएँ मिलेंगी। जिन अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है, वे ग्रामीणों से भी व्यवस्था के संबंध में निरंतर चर्चा कर रहे हैं।
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