बलिया (उत्तर प्रदेश), 1 मई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के बलिया में एक जनसभा में कहा कि उज्ज्वला योजना से 5 करोड़ परिवारों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि वह बलिया में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाने नहीं आए हैं। प्रधानमंत्री के बलिया पहुंचने पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने उनका स्वागत किया।
उन्होंने भोजपुरी में अपने भाषण की शुरुआत की और कहा, ” मैं मंगल पांडे की भूमि को नमन करता हूं। अब मजदूरों की आवश्यकताएं बदल गई हैं और इस पर ध्यान देने की जरूरत है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना से देश को बहुत फायदा होगा और गरीब महिलाएं भी रसोई गैस का इस्तेमाल कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के प्रेम का कर्ज उन पर है, जिसे वह यहां विकास के जरिए चुकाएंगे।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने श्रमिकों के हित में श्रम कानूनों में आमूलचूल परिवर्तन किया है। जिन श्रमिकों को 15-20 रुपये तक पेंशन मिलती थी, उन्हें अब न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री ने गाजीपुर के पूर्व सांसद विश्वनाथ गहमरी को याद किया, जिन्होंने नेहरू के प्रधानमंत्रित्वकाल में पूर्वाचल की पीड़ा संसद में रखी थी। उस समय संसद में उपस्थित तमाम सांसदों की आंखों में आंसू आ गए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने बलिया जिले से बीपीएल परिवारों के लिए ‘उज्ज्वला योजना’ का शुभारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के प्रयासों के चलते ही श्रम कानून में बदलाव सम्भव हो पाया है। आगे भी केंद्र सरकार श्रमिकों के हितों के लिए कारगर कदम उठाती रहेगी।
बलिया में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों के बीच रसोई गैस कनेक्शन बांटे। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत पांच करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य है।
मोदी ने कहा कि बलिया का हमेशा से गौरवशाली इतिहास रहा है। आज यहां आकर गौरव की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में मजदूरों की भलाई के लिए काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले मजदूरों के भविष्य निधि खातों का कोई हिसाब नहीं होता था। सरकार बनने के बाद मजदूरों की मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने का प्रयास किया गया है। सरकार के खाते में इन मजूदरों के 27 हजार करोड़ रुपये पड़े थे। हमारी सरकार ने भविष्य निधि के लिए एक ऐसा तरीका बनाया है कि अब कर्मचारी जहां-जहां काम करेंगे, साथ-साथ उनके पैसे भी जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि पहले मजूदरों को बोनस के रूप में सिर्फ 3500 रुपये मिलते थे, लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद तय किया गया है कि न्यूनतम बोनस की रकम कम से कम सात हजार रुपये होनी चाहिए। पहले न्यूनतम मजूदरी 10 हजार होती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने तय किया है कि न्यूनतम मजदूरी कम से कम 21 हजार रुपये होनी चाहिए।
इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रधानमंत्री के साथ राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रामगोविन्द चौधरी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मौजूद थे।
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