उड़ी (जम्मू एवं कश्मीर), 20 सितंबर | उत्तरी कश्मीर के बारामुला और कुपवाड़ा जिलों में मंगलवार को सुरक्षा बलों और घुसपैठ का प्रयास कर रहे आतंकवादियों के बीच गोलीबारी की दो घटनाओं में 10 आतंकवादी मारे गए और सेना का एक जवान शहीद हो गया। सेना ने नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की दो बड़ी कोशिशों को नाकाम कर देने का दावा किया है। ये प्रयास ऐसे समय हुए हैं, जब भारत और पाकिस्तान कश्मीर घाटी में भारी अशांति को लेकर कूटनीतिक वाक्युद्ध में उलझे हैं।
अभी दो ही दिन हुए हैं, जब रविवार को दोनों देशों के बीच इस राज्य को बांटने वाली नियंत्रण रेखा के पास भारत के सैन्य शिविर पर आतंकी हमला हुआ है, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि श्रीनगर से 100 किलोमीटर उत्तर उड़ी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पार से पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी की आड़ में भारी हथियारों से लैस 15 आतंकियों ने पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश की।
सीमाई इलाके लच्छीपुरा में सैन्य कार्रवाई में घुसपैठ का प्रयास कर रहे 10 आतंकवादी मारे गए। यह स्थान रविवार की सुबह जिस सैन्य शिविर पर आतंकियों ने हमला किया था उससे यह इलाका मात्र छह किलोमीटर दूर है।
सेना के एक सूत्र ने बताया कि सैनिक संभावित घुसपैठ के प्रयास को लेकर तभी सचेत हो गए थे, जब पाकिस्तानी सेना ने बगैर किसी कारण के मंगलवार को दोपहर बाद लच्छीपुरा और बोनियार गांव की भारतीय चौकियों पर छोटे एवं स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी।
सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी से कोई नुकसान नहीं हुआ। भारतीय सैनिकों ने जवाब में गोलीबारी की और सीमा पार की गतिविधियों पर सतर्कता के साथ निगरानी जारी रखी। हथियारों से लैस घुसपैठियों का एक दल तत्काल नजर आ गया।
एक रक्षा सूत्र ने कहा, “घुसपैठी आतंकवादियों के खिलाफ लच्छीपुरा अभियान अभी भी जारी है।”
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक अन्य अभियान में एलओसी के पास कुपवाड़ा जिले में स्थित नौगांव इलाके में सुरक्षा बलों ने भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह को चुनौती दी।
पुलिस सूत्र ने कहा, “चुनौती देने पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। मुठभेड़ में सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया।”
बाद में अस्पताल में उस जवान ने दम तोड़ दिया।
पुलिस सूत्र ने कहा, “नौगांव इलाके में पांच-छह आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ जारी है।”
पाकिस्तान पर सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए भारतीय चौकियों पर गोलीबारी करने का अक्सर आरोप लगता रहा है।
उड़ी में गोलीबारी वर्ष 2003 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम करार का उल्लंघन है।
इससे पहले सेना ने 11 और 16 सितंबर को इस तरह की घुसपैठ के प्रयास को क्रमश: पूंछ और उड़ी क्षेत्र में नाकाम किया था। दोनों अभियानों में चार-चार आतंकी मारे गए थे।
उड़ी में दो दिनों पहले हुए आतंकवादी हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान से आए जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है।
हालांकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया है।
वहीं भारतीय सेना ने कहा है कि उसे उड़ी में सैन्य शिविर में तलाशी अभियानों के दौरान हथियार, गोला-बारूद, खाद्य सामग्री और दवाइयों के पैकेट मिले हैं, जिन पर पाकिस्तानी छाप है।
वर्ष 2016 में भारतीय सेना ने अब तक सीमा पार से घुसपैठ के 19 प्रयासों को नाकाम किया है। सेना ने कहा है कि यह पाकिस्तान का भारत में अशांति फैलाने का हताशा भरा प्रयास है।–आईएएनएस
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