उड़ी शहीदों के अंतिम संस्कार में उमड़े हजारों

कोलकाता/रांची, 20 सितंबर | जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में आतंकवादी हमले में शहीद हुए पश्चिम बंगाल और झारखंड के चार जवानों का मंगलवार को उनके गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया और इस दौरान हजारों की संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। कोलकाता के हावड़ा जिले में स्थित जमुना बालिया गांव में सिपाही गांगाधर दोलुई के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने बड़ी भीड़ उमड़ पड़ी।

मंगलवार की सुबह जैसे ही सेना के जवानों ने शहीद सिपाही गंगाधर के पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे उन्हें देखने के लिए आस-पास के गांवों से लोग इकट्ठा होने लगे।

पश्चिम बंगाल के ही सागर द्वीप पर भी मंगलवार को इसी तरह का दृश्य रहा, जहां शहीद सिपाही बिश्वजीत गोराई का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार के दौरान गोराई की मां कई बार मूर्छित हुईं। वहीं गोराई के पिता ने सरकार से अपने बेटे की मौत का बदला लेने की मांग की और कहा, “उन्हें मेरे बेटे की मौत को उसकी हत्या की तरह देखना चाहिए।”

राज्य के अग्निशमन सेवाओं मंत्री शोभन चटर्जी गोराई के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे और उन्होंने स्थानीय अग्निशमन केंद्र का नाम गोराई के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा।

उधर, रांची में सोमवार की रात सेना के हेलीकॉप्टर में शहीद सिपाही जावरा मुंडा और शहीद सिपाही नैमान कुजूर के शव लाए गए, जहां से शहीदों से पार्थिव शरीरों को मंगलवार को उनके गांव भेज दिया गया।

मुंडा का शव जैसे ही कुंती जिले में स्थित उनके गांव मेराल पहुंचा गांव और आसपास के इलाकों से लोग अपने हीरो की एक झलक देखने के लिए उनके घर पर उमड़ पड़े।

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकांत सिंह मुंडा और पुलिस तथा सेना के आला अधिकारी शहीद जावरा मुंडा के अंतिम संस्कार पर मौजूद रहे।

मुंडा के परिवार में उनकी मां, पत्नी, तीन बेटियां और एक छोटा बेटा है। मुंडा के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए और सख्त कार्रवाई की मांग की।

शहीद की पत्नी ने अपने पति की मौत का बदला लेने का आह्वान किया और परिवार की मदद के लिए गुहार लगाई, क्योंकि शहीद जावरा मुंडा अपने परिवार के एकमात्र आजीविका चलाने वाले व्यक्ति थे।

एक अन्य शहीद नैमान का भी गुमला जिले के चैनपुर ब्लॉक में स्थित उरू गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

नैमान का पार्थिव शरीर रांची से सड़क मार्ग से उनके गांव लाया गया और शहीद की एक झलक पाने के लिए आसपास के इलाके से लोग लाइन लगाकर उरू आते दिखे।

नैमान का शव उनके गांव पहुंचते-पहुंचते भीड़ की भावनाएं पूरे उफान पर थीं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की और शहीद की वीरता का गुणगान किया।

झारखंड के खेल एवं पर्यटन मंत्री अमर कुमार बौरी जिले के शीर्ष अधिकारियों के साथ नैमान के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे।

शहीद नैमान के परिवार में उनकी पत्नी और एक दो वर्षीय बालक है। शहीद की पत्नी ने भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और यहां तक कहा कि अगर उन्हें मौका मिले तो वह भी सेना की सेवा करना चाहेंगी।

उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में रविवार को सीमापार के आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में कम से कम 19 भारतीय जवान शहीद हो गए।(आईएएनएस)