नई दिल्ली, 19 सितम्बर| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ी आतंकवादी हमले को लेकर सोमवार को वरिष्ठ मंत्रियों, सुरक्षा और सैन्य सलाहकारों तथा अन्य विशेषज्ञों से मंत्रणा की। क्योंकि केंद्र सरकार जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी कस्बे में सैन्य शिविर पर रविवार को हुए आतंकी हमले का माकूल जवाब देना चाहती है। हाल के वर्षो मे भारतीय सेना पर यह सबसे बड़ा हमला था, जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और सैन्य संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है। उड़ी में उक्त सैन्य शिविर नियंत्रण रेखा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हमले के तुरंत बाद इसका दोष पाकिस्तान पर मढ़ दिया गया था।
पार्टी के अंदर पाकिस्तान को सबक सिखाने की बढ़ती मांग के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ रणनीतिकार राम माधव की मांग है कि “एक दांत के बदले पूरा जबड़ा” लेंगे, और इस मांग से मोदी दबाव में हैं। क्योंकि उन्हें खुद भी अपने बयान पर खरा उतरना है, क्योंकि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि पाकिस्तान को दिखाना है कि भारत एक नरम शक्ति नहीं है और देश पर किसी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
समुचित कार्रवाई की अपेक्षा तब और बढ़ गई, जब हमले के तुरंत बाद मोदी ने कहा, “मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि जो लोग इस नीच हमले के पीछे हैं, उन्हें सजा मिलेगी।” जबकि भाजपा की वैचारिक गंगोत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि आतंकवादी, उनके आका और उनके समर्थकों के साथ सख्ती और निर्णायक ढंग से निपटना चाहिए।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु सेनाध्यक्ष दलबीर सुहाग से कहा है।
इस बीच जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष और विपक्ष में तर्क दिए जा रहे थे, जैसा कि कई सैन्य विश्लेषक दंडात्मक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साउथ ब्लॉक के सभा कक्ष में युद्ध की विभिन्न स्थितियों पर मंथन किए जा रहे हैं। एक पूर्व जनरल ने टीवी पर कहा कि भारत को अब चोरी-छिपे कुछ नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके पास पारंपरिक युद्ध में महारत हासिल है, और यह अनिवार्य सैन्य कार्रवाई के जरिए निपट सकता है।
एक ओर जहां पूरी दुनिया जहां उत्सुकता से भारत की ओर देख रही है और विदेशी दूतावास इस चरम स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं, वहीं पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु हथियार के इस्तेमाल की धमकी देते हुए अप्रत्याशित परिणामों की बात कही है।
इन सब चीजों को लेकर मोदी पर अत्यधिक दबाव है और लोगों को कार्रवाई की प्रतीक्षा। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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