देहरादून, 17 फरवरी। उत्तराखण्ड में स्कूल से ड्राप आउट होने वाले बच्चों को स्किल डेवलपमेंट की कार्ययोजना बनाई जाएगी। एमएसएमई के तहत औद्योगिक इकाईयों को बीमाकृत कराया जाएगा। अप्रैल से उद्योगों को 24 घंटे बिजली मिलेगी। प्रदेश में 500 से अधिक माॅडल स्कूल प्रारम्भ किए जा रहे हैं। जागर महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा। अति पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्रोत्साहन राशि का प्राविधान किया जाएगा।” बुधवार को ‘‘उत्तराखण्ड बजट 2016-17 जनसहभागिताः एक सवाल एक सुझाव’’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत यह बातें कहीं।
कार्यक्रम में लोगों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी करते हुए राज्य से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर प्रश्न भी पूछे और अपने सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री हरीश रावत व उनके केबिनेट के सहयोगियों ने पूछे गए प्रश्नों व सुझावों को गम्भीरतापूर्वक न केवल सुना बल्कि पलायन को रोकने कृषि विकास पर्यटन विकास स्किल डेवलपमेंट आदि के लिए किए जा रहे कामों की जानकारी दी। राज्य के बजट में जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गत वर्ष यह परम्परा प्रारम्भ की थी। उससे प्राप्त उत्साहजनक परिणामों के बाद इस बार भी न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आम जनता के अलावा सवाल करने वालों में छात्र-छात्राएं, कृषि, उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, पत्रकारिता, विधि, गैर सरकारी संगठनों से जुड़े लोगो व सामान्यजन भी शामिल थे। इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के पंकज गुप्ता ने स्कूल से ड्राप आउट होने वाले बच्चों को स्किल डेवलपमेंट कोर्स कराए जाने व एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों को बीमाकृत किये जाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री रावत ने तकनीकी शिक्षा विभाग को स्कूलों से ड्राप आउट होने वाले बच्चों को साफ्ट स्किल व एडवांस्ड स्किल देने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
साथ ही उन्होंने उद्योग विभाग को निर्देश दिए कि नई एमएसएमई पालिसी में आने वाली औद्योगिक इकाईयों को बीमाकृत कराए जाने की योजना बनाई जाए। इसमें प्रीमीयम की राशि का भुगतान राज्य सरकार व संबंधित औद्योगिक इकाई द्वारा किया जाएगा। केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि ऊधमसिंहनगर में कूड़ा बीनने वाले बच्चों के स्किल डेवलपमेंट की योजना चलाई जा रही है।
केप्टन से.नि. ओमप्रकाश पोखरियाल द्वारा पूछा गया कि सरकार पलायन को रोकने व पूर्व सैनिकों के लिए बजट में क्या करने जा रही है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने विवशता में होने वाले पलायन को थामने के लिए कृषि व संबंधित क्षेत्र स्थानीय हस्तकला इको टूरिज्म स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। कृषि व सहायक क्षेत्र में 100 से अधिक इनिसिएटिव लिए गए हैं। इनके परिणाम भी प्राप्त होने प्रारम्भ हो गए हैं। स्थानीय स्किल व उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए मास्टर क्राफ्ट मैन व वूमेन तैयार किए जा रहे हैं। नंदा देवी सेंटर फाॅर सक्सीलेंस शुरू किया गया है। स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हम अपने फूड फ्राफ्ट को प्रचारित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा वन विभाग को पर्यटन से जोड़ते हुए इको टूरिज्म की गतिविधियां प्रारम्भ की गई हैं। माउंट बाईकिंग माउंटिनियरिंग के नए क्षेत्र खोले गए हैं। बटर फ्लाई रेप्टाईल पार्क बनाए जा रहे हैं। मुन्स्यारी में माउंटिनियरिंग ट्रेनिंग सेंटर प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश में 500 माॅडल स्कूल प्रारम्भ कर रहे हैं। शिक्षा में निजी निवेश की पाॅलिसी बनाई गई है। जिला अस्पतालों को जल्द ही सभी आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित कर दिया जाएगा। मोबाईल हेल्थ सर्विसेज व हेल्थ कैम्प बेस्ट सेवाओं पर जोर दिया जा रहा है।
सिडकुल एरिया में सिथत एक कम्पनी में काम करने वाले भारत भूषण ने रात्रि में कम्पनियों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा की बात उठाई। मुख्यमंत्री रावत ने इस पर पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धु को सिडकुल के अधिकारियों व कम्पनियों के प्रतिनिधियो के साथ बैठकर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार वूमेन हास्टल पर काम कर रही है। पुलिस पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाएगा।
उद्यमी योगश तिवारी ने उद्योगों के लिए पैकेज की अवधि समाप्त होने पर औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष कदम उठाए जाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए तीन बातों पर फोकस किया जा रहा है। अप्रैल से उद्योगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि उद्योगों को 24 घंटे बिजली की उपलब्धता का प्राविधान एक्ट के तहत कर दिया जाए। उद्योगों को क्वालिफाईड मेनपावर उपलब्ध करवाने के साथ ही पूर्ण सुरक्षा भी दी जाएगी। जल्द ही हमारा सिंगल विंडो सिस्टम देश के सर्वश्रेष्ठ सिस्टम में से एक होगा।
मुख्यमंत्री ने लोगों द्वारा किए गए सवालों के जवाब देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग की तरह ही समाज कल्याण विभाग को बजट को बड़ा हिस्सा दिया जा रहा है। इस वर्ष समाज कल्याण विभाग का लगभग 1400 करोड़ रूपए का बजट था। परंतु केंद्र से अभी 700 करोड़ से अधिक का बजट आना है। वहां से एससी व एसटी छात्रवृत्ति का पैसा भी नहीं भेजा गया है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पिछले दो वर्षों में सामाजिक सुरक्षा का अभियान चलाया कर विभिन्न पेंशनें प्रारम्भ की गई हैं। पेंशन लाभार्थियों की संख्या 2 लाख से बढ़कर 6 लाख पार कर चुकी है।
रावत ने कहा कि उत्तरकाशी व अल्मोड़ा में इस तरह का काम किया गया है। विलेज टूरिज्म की योजनाओं में ग्राम पंचायतों को स्टेक होल्डर बनाया जा सकता है। इस वर्ष 50 छोटे खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं। गन्ना किसानों को अतिरिक्त भुगतान किया गया है। किसानों के नलकूपों के बिजली सरचार्ज के बकाया को माफ किया गया है। दूध पर 4 रूपए प्रति लीटर बोनस दिया जा रहा है। कृषि इन्पुटों पर 80 से 90 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है।
कृषि मंत्री डाहरक सिंह रावत ने कहा कि हम जैविक खेती की तरफ जा रहे हैं। रूद्रप्रयाग जिले को जैविक खेती का जिला बनाया जा रहा है। रेशम उत्पादन में हम हिमाचल प्रदेश से आगे निकल गए हैं। उत्तराखण्ड की आर्गेनिक ग्रीन टी का प्रसार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री रावत ने बताया कि सूअरों को मारने की इजाजत दे दी गई है। बंदरबाड़े भी बनाए जा रहे हैं। वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि हरिद्वार में बंदरबाड़े का संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है। अल्मोड़ा टिहरी व नैनीताल में भी बंदरबाड़े बनाए जा रहे हैं। वित्तमंत्री डा इंदिरा हृद्येश ने कहा कि बजट निर्माण में जनसहभागिता एक अच्छी पहल है। इससे जनभावना को समझने में मदद मिलेगी। बहुत से सुझाव मिल रहे हैं। इन्हें बजट में भी शामिल किया जाएगा। राज्य के सीमित आर्थक संसाधन हैं। हमें अर्धकुम्भ के लिए केंद्र सरकार से अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है। हमारा प्रयास है कि हम बजट इस प्रकार का बनाए कि राज्य की विकास योजनाओं के लिए धन की कमी नहीं रहे और आमजन पर करों का बोझ भी न पड़े।
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