उत्तराखण्ड में विकास की सम्भावनाओं पर राजदूतों ने हरीश रावत से की भेंट

देहरादून, 03 जून (जनसमा) उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से शुक्रवार को बीजापुर हाउस में नेपाल, थाइलैंड और मेडागास्कर में तैनात भारतीय राजदूतों ने भेंट कर उत्तराखण्ड में विकास की विभिन्न सम्भावनाओं पर विचार विमर्श किया। नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे से मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल व उत्तराखण्ड के नागरिकों में सांस्कृतिक समन्वय की लम्बी परम्परा रही है। दोनों ओर के लोगों की सुविधा के लिए भारतनेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, पुल आदि कनेक्टीवीटी पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। यदि दोनों ओर के सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी नियंमित रूप से संयुक्त बैठक करें तो अधिकांश स्थानीय समस्याओं को हल किया जा सकता है।

हरीश रावत ने सांस्कृतिक आदानप्रदान की कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। पंचेश्वर बांध को मुख्यमंत्री रावत व नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे महत्वपूर्ण बताया। रे ने कहा कि पंचेश्वर बांध नेपाल के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। थाईलैंड में भारत के राजदूत भगवंत सिंह विश्नोई ने कहा कि उत्तराखण्ड में फार्मासिटिकल क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं हैं। थाईलैंड की फार्मासिटिकल कम्पनियां राज्य में निवेश कर सकती हैं।

रावत ने सिडकुल के एमडी आर राजेश कुमार को इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। विश्नोई ने कहा कि राज्य में पूंजी निवेश के लिए थाईलैंड में रोड शो जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है। मेडागास्कर में भारत के राजदूत और उत्तराखंड के मूल निवासी सीबी थपलियाल ने सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषकों की उपजों की विपणन की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार विभिन्न स्थानीय उपजों पर प्रोत्साहन राशि दे रही है और इनकी मांग सृजित करने का प्रयास भी कर रही है। बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पवांर, सचिव लोनिवि डीएस गब्र्याल,एमडी सिडकुल आर राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।