सियोल, 9 सितंबर | उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि उसने पांचवें परमाणु बम विस्फोट परीक्षण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है और यह अब तक का सबसे शक्तिशाली परीक्षण था। समाचार एजेंसी योनहाप ने यह जानकारी दी। नॉर्थ कोरियन सेंट्रल टीवी ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन ने कहा कि परमाणु बम की क्षमता की जांच के लिए देश ने एक परमाणु परीक्षण किया और यह हमारी परमाणु ताकत को और मजबूत करना जारी रखेगा।
योनहाप के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सेना विश्लेषण कर रही है कि परीक्षण में किस तरह की परमाणु सामग्री का इस्तेमाल किया गया।
परमाणु परीक्षण के कारण उत्तर कोरिया के परीक्षण स्थल पुंगे-री में सुबह 9.30 बजे के आसपास 5.3 तीव्रता के कृत्रिम भूकंप के झटके महसूस किए गए।
फोटो: आईएएनएस/योनहाप
योनहाप के मुताबिक, नौ सितंबर को देश के 68वें राष्ट्रीय दिवस के मौके पर उत्तर कोरिया ने नौ सितंबर को परमाणु परीक्षण को अंजाम दिया।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय कार्यालय के अधिकारी चियॉन्ग वा दे ने कहा कि परमाणु परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री ह्वांग क्यो-आन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की आपात बैठक बुलाई।
राष्ट्रपति पार्क ग्वेन-हे ने परीक्षण की निंदा करते हुए कहा है कि उकसावे की यह कार्रवाई केवल कठोर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को बुलावा है और वह अपना विनाश खुद करेगा।
योनहाप के मुताबिक, पार्क ने परमाणु परीक्षण पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से टेलीफोन पर बातचीत की।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चेतावनी दी कि हाल में उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण के लिए उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि ओबामा ने परमाणु परीक्षण को उकसावे की कार्रवाई बताया और दोहराया कि अमेरिका एशिया और दुनिया भर में अपने सहयोगी देशों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
बयान में कहा गया कि उत्तर कोरिया की इस उकसावे की कार्रवाई पर विचार करने के लिए ओबामा अपने सहयोगी देशों और साझेदारों के साथ अगले कुछ दिनों तक चर्चा करेंगे।
वहीं, चीन ने आलोचना करते हुए कहा कि वह परीक्षण का कड़ाई पूर्वक विरोध करता है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने भी इस परीक्षण की निंदा की और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया।
भारत के सुरक्षा विश्लेषक सी.उदय भास्कर ने कहा कि परीक्षण के लिए इस दिन का चयन अनजाने में नहीं किया गया, क्योंकि नौ सितंबर, 1948 को उत्तर कोरिया की स्थापना हुई थी।
इस बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु परीक्षण अस्वीकार्य है और इसका विरोध किया जाएगा।
यह उत्तर कोरिया का पांचवां परमाणु परीक्षण था, जो आखिरी परीक्षण के आठ माह बाद किया गया।
यह कदम संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणुरहित करने के प्रयासों का उल्लंघन है।
किसी प्रकार के परमाणु या प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी के परीक्षण करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा हुआ है। फिर भी, उसने इस साल जनवरी में अपना चौथा परमाणु परीक्षण किया था।–आईएएनएस
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