जयपुर, 5 फरवरी। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि उद्योग एवं व्यापार जगत के लोग अपना माइंडसेट बदलें और आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए अपना लाभ बढ़ाने के साथ ही राज्य सरकार के राजस्व वृद्घि में सहयेाग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यापारियों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए गंभीर हैं, लेकिन उद्यमी भी समय पर कर देकर राज्य के विकास में सहभागी बनें ताकि हम सब मिलकर एक खुशहाल और विकसित राजस्थान का निर्माण कर सकें।
राजे शुक्रवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उद्यमी श्रम संगठनों के साथ अपने संबंध बेहतर बनाएं ताकि यहां अधिक से अधिक निवेश आ सके, जिससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टैक्स और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करने के प्रति सदैव तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य उद्योग जगत पर अनावश्यक कर लगाना नहीं है, लेकिन विकास की दृष्टि से जहां बेहतरीन सुविधाएं सुलभ करवाने की बात आती है तो वहां कर लगाकर ही ये सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। उन्होंने राज्य में उत्पादित होने वाली वस्तुओं की बेहतर मार्केटिंग करने पर जोर दिया, जिससे यहां के उद्यमियों को लाभ मिले और इनसे जुड़े लोगों को बेहतर रोजगार के अवसर मिल सके।
राजे ने कहा कि राज्य के आगामी बजट के लिए कर परामर्शदात्री समिति के सुझाव महत्वपूर्ण रहेंगे और उचित सुझावों को बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश में चल रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को जन अभियान बनाने के लिए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से सहयोग करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने बैठक में 70 से अधिक औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों, कर विशेषज्ञों और अन्य प्रतिनिधियों से करीब 4 घंटे तक विस्तृत विचार विमर्श किया। उन्होंने उनके सुझावों को गंभीरता से सुना और उचित सुझावों पर अमल करने का आश्वासन दिया।
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