उप्र के बेरोजगारों के लिए ‘समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना’

लखनऊ, 01 जून (जनसमा)। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के शिक्षित युवा बेरोजगारों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने एवं प्रक्रियाओं के सरलीकरण के उद्देश्य से ‘समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना’ लागू करने का निर्णय लिया है।

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत उद्योग क्षेत्र की 25 लाख रुपए तक की कुल परियोजना लागत की सूक्ष्म इकाइयों तथा सेवा क्षेत्र की 10 लाख रुपए तक की कुल परियोजना लागत की सूक्ष्म इकाइयों को कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र हेतु अधिकतम 6.25 लाख रुपए तथा सेवा क्षेत्र हेतु अधिकतम 2.50 लाख रुपए की सीमा तक, मार्जिन मनी उपलब्ध कराया जाएगा, जो उद्यम के 2 वर्ष तक सफल संचालन के उपरान्त अनुदान में परिवर्तित हो जाएगा।

एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अपने अंशदान के रूप में जमा करना होगा तथा विशेष श्रेणी के लाभार्थियों यथा-अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला एवं विकलांगजन हेतु अंशदान की सीमा कुल परियोजना लागत की 5 प्रतिशत होगी।

योजना का लाभ पाने वाले आवेदकों को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए एवं उनकी आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष तक होनी चाहिए। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल अथवा समकक्ष उत्तीर्ण निर्धारित किया गया है। इस योजना के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है।

इच्छुक आवेदकों को निर्धारित प्रारूप पर सम्बन्धित जिले के उप आयुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र को प्रस्तुत करना होगा। लाभार्थी का चयन सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के शिक्षित युवा बेरोजगारों हेतु भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पी.एम.ई.जी.पी.) संचालित है, किन्तु उत्तर प्रदेश को आवंटित लक्ष्य प्रदेश में युवा बेरोजगारों की संख्या को देखते हुए अपर्याप्त हैं। इसके अतिरिक्त पी.एम.ई.जी.पी. के अंतर्गत आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने में आवेदकों को तथा विभाग को अनेक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।