लखनऊ, 24 अक्टूबर । इस बार पटाखा बाजार में चीन में बने पटाखे बिकते नजर नहीं आएंगे। लखनऊ जिला प्रशासन के निर्देश पर रस्तोगी इंटर कॉलेज में लगी आतिशबाजी की दुकानों पर केवल शिवकाशी और तमिलनाडु सहित भारत के अन्य जगहों पर बने पटाखे ही बिक रहे हैं। बाजार में चीनी उत्पाद की कोई दुकानदार बिक्री न करने पाए, इसके लिए स्वयं आतिशबाजी उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अखिलेश गुप्ता और महामंत्री सतीश मिश्रा ने खुद कमर कस रखी है। दोनों पदाधिकारी सभी दुकानों को चेक करते रहते हैं कि कोई व्यापारी चीनी पटाखा न बेचने पाए।
सभी थोक कारोबारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी चीन के उत्पाद की बिक्री नहीं करेगा। थोक व्यापारियों का कहना है कि चीन पाकिस्तान का साथ दे रहा है। इससे हर किसी में चीन के खिलाफ आक्रोश है। इसलिए उन्होंने चाइनीज आइटमों से तौबा कर ली है। खास बात ये है कि आतिशबाजी के जो उत्पाद चीन से आयात किए जाते हैं, इस बार वह भारत में बन रहे हैं और दाम में भी कोई खास फर्क नहीं है।
पटाखा व्यापारी गुलसेर कहते हैं, “अभी पटाखों की बिक्री बहुत कम है। लेकिन जो भी ग्राहक आता है ये जरूर पूछता है कि आतिशबाजी चाइनीज तो नहीं है। हमारी दुकान में एक भी आइटम चाइनीज नहीं है।”
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने पिछले वर्ष का बचा हुआ चीन के उत्पाद दुकानों में रखे थे, जिन्हें हटवा दिया गया है। सभी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी व्यापारी चीन के उत्पादों की बिक्री न करें। खास बात ये है कि फुटकर दुकानदार से लेकर लोग भी चीन के उत्पाद नहीं ले रहे हैं।
सरकार के विस्फोटक सुरक्षा संगठन के नियंत्रक ने दीपावली के अवसर पर चीन के अलावा अन्य देशों से आने वाले तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर व्यापारियों ने खुद ही प्रतिबंध लगा दिया है। (आईएएनएस/आईपीएन)
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