लखनऊ, 17 जून (जनसमा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र के विकास में केन्द्र की बराबर की सहभागिता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार के बीच ऊर्जा क्षेत्र के एकीकृत नियोजन के लिए आवश्यक तालमेल जरूरी है। राज्य सरकार बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पूरी गम्भीरता के साथ हर सम्भव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश ऊर्जा राज्य मंत्री शैलेन्द्र यादव ‘ललई‘ गुरूवार को गोवा में राज्यों के ऊर्जा मंत्री के सम्मेलन में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने सम्मेलन में मुख्यमंत्री की ओर से वक्तव्य दिया।
उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव के पास ऊर्जा विभाग भी है। सम्मेलन के अवसर पर शैलेन्द्र यादव ‘ललई‘ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में जितना काम हुआ, समाजवादी सरकार ने उसको दो-गुना किया तथा पारेषण और वितरण में भी राज्य सरकार ने 60 वर्ष की उपलब्धियों को मात्र 4 वर्षाें में लगभग 30 से 40 प्रतिशत बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर वर्ष 2012 तक जहां उत्तर प्रदेश की स्थापित क्षमता 8500 मेगावाट थी, वह अब लगभग 15,000 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। अक्टूबर 2016 तक यह क्षमता 17,000 मेगावाट पर पहुंच जाएगी। इस प्रकार पिछले 4 वर्षाें में प्रदेश में उतनी ही उत्पादन क्षमता जोड़ी गई है, जितनी आजादी के बाद 65 वर्षाें में जोड़ी गई थी।
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