विद्या शंकर राय===
लखनऊ, 26 जून | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘महिला पावर लाइन 1090’ की कमान संभालने वाले अधिकारियों का दावा है कि इसका लाभ राज्य की महिलाओं को खूब मिल रहा है।
पावर लाइन के अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 15 नवंबर, 2012 से लेकर 31 मई, 2016 तक इस पावर लाइन पर कुल 5,44,985 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 5,35,899 शिकायतों का समाधान फौरी तौर पर किया गया।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1996 बैच के तेज तर्रार अधिकारी व महिला पावर लाइन 1090 के प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) नवनीत सिकेरा ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत के दौरान विस्तार से बातचीत की।
सिकेरा ने हालांकि यह भी कहा कि उनकी कोशिश है कि पिक ऑवर (शाम 5 बजे से 9 बजे तक) में शिकायतों के वेटिंग रिस्पांस को ‘जीरो’ तक लाया जाए।
सिकेरा ने कहा, “आप सोच नहीं सकते कि ‘महिला पावर लाइन 1090’ ने महिलाओं को कितनी ताकत दी है। राज्य के छोटे से छोटे कस्बे से महिलाओं की शिकायतें आ रही हैं। इसका मतलब साफ है कि यह पावर लाइन पूरे उप्र में महिलाओं का विश्वास जीतने में सफल हो रही है।”
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि कॉल वेटिंग का रिस्पांस फिलहाल जीरो ही है, लेकिन हमारी कोशिश है कि पिक ऑवर में भी इसको जीरो किया जाए, जैसे जैसे शिकायतें बढें़गी वैसे वैसे पॉवर लाइन की मैनपावर की ताकत भी बढ़ाई जाएगी।
सिकरे से यह पूछे जाने पर कि क्या उप्र में खुल रहे महिला थानों की तर्ज पर महिला पावर लाइन को भी जिलास्तर पर खोलने की तैयारी है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है। जिला स्तर पर इसको खोलने की क्या आवश्यकता है? लखनऊ से ही पूरे राज्य को आसानी से मॉनिटर किया जा रहा है।”
सिकेरा ने कहा कि हालांकि यह भी कहा कि नोएडा-एनसीआर की शिकायतें भी यहीं आती हैं, लेकिन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जावीद अहमद के निर्देश के बाद इसकी एक शाखा नोएडा में खोली जाएगी। वहां जल्द ही इसका शुभारंभ किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “नोएडा-एनसीआर के लिए महिला पावर लाइन 1090 की ब्रांच वहीं खोली जाएगी। इसमें कुल लगभग 40 कर्मचारी होंगे, जो 24 घंटे काम करेंगे। राज्य सरकार ने भी इसकी अनुमति दे दी है।”
इधर, महिला पावर लाइन 1090 के पिछले के आंकड़ों पर गौर करें तो 5 लाख से अधिक शिकायतें आई हैं। इसका मतलब है कि महिला पॉवर लाइन सेवा का लाभ महिलाओं को मिल रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, 15 नवंबर 2012 से लेकर 31 मई 2016 के दौरान 4,95,195 शिकायतें फोन पर परेशान करने और छेड़छाड़ की हैं, जबकि इस दौरान 23,259 सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के उत्पीड़न की घटना सामने आई हैं। पिछले छह महीनों के दौरान सोशल वेबसाइसट्स पर उत्पीड़न की 8,445 शिकायतें आई हैं।
इसके अतिरिक्त घरेलू हिंसा की 7,734 शिकायतें महिला पावर लाइन पर दर्ज की गईं।
नवनीत सिकेरा से यह पूछे जाने पर कि क्या महिला पावर लाइन की कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में देने की पहल हो रही है? इस पर उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं को रोकना है। कमान उनके हाथ में हो यह जरूरी नहीं है। यहां काम तो महिलाएं ही कर रही हैं।”
आंकड़ों पर गौर करें तो उप्र के जिन जिलों से सबसे अधिक शिकायतें आई हैं, उसमें लखनऊ सबसे उपर है। इस दौरान लखनऊ में छेड़छाड़ की 1,11,768 शिकायतें दर्ज की गईं। शिकायत करने वालों में 20,275 कामकाजी महिलाएं व 34,426 गैरकामकाजी महिलाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 57,067 छात्राओं की शिकायतें महिला पावर लाइन 1090 पर दर्ज की गई हैं।
लखनऊ के बाद दूसरा नंबर कानपुर नगर, तीसरे स्थान पर इलाहाबाद, चौथे पर बनारस और पांचवें स्थान पर आगरा है।
सबसे कम शिकायतें जिन जिलों से आई हैं, उनमें श्रावस्ती सबसे ऊपर है। यहां से उत्पीड़न की सिर्फ 766 शिकायतें ही दर्ज की गई हैं। दूसरे स्थान पर कासगंज, तीसरे पर चित्रकूट, चौथे स्थान पर ललितपुर व पांचवें स्थान पर कौशांबी हैं।
नवनीत सिकेरा से यह पूछे जाने पर कि सरकार इस पावर लाइन को शुरू करने के बाद अपने मकसद में कितनी कामयाब हुई है, उन्होंने कहा, “आंकड़े बताते हैं कि महिला पावर लाइन अपने मकसद में पूरी तरह से कामयाब हुई है। जिस मकसद को लेकर हमने इस पावर लाइन को शुरू किया था, उसमें हम कामयाब हो रहे हैं।”
गौरतलब है कि नवनीत सिकेरा की पहल पर उप्र में 1090 महिला पावर लाइन को शुरू किया गया था। आज महिला सुरक्षा को लेकर 1090 उप्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। —आईएएनएस
फोटो साभार: 1090 यूपी डॉट आईएन
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