लखनऊ, 29 मार्च (जनसमा)। उत्तर प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों से बिजली उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश मिनी ग्रिड नीति-2016 लागू की गई है जिससे गैर विद्युतीकृत मजरों को बिजली मिलने में आसानी होगी तथा स्थानीय लोगों के जीवनस्तर में सुधार भी होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ के होटल ताज में द रॉकफेलर फाउण्डेशन के तत्वावधान में आयोजित उत्तर प्रदेश मिनी ग्रिड कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षाें में बिजली के उत्पादन, पारेषण एवं वितरण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास में भारी धनराशि खर्च की गई है। फलस्वरूप राज्य सरकार इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में 14 घण्टे, तहसील क्षेत्रों में 16 घण्टे, मण्डल मुख्यालयों में 22 घण्टे तथा कवाल टाउन्स में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति करने में सफल हो रही है।
उन्होंने कहा कि आगामी वर्षाें में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समाजवादी सरकार गम्भीरता से काम कर रही है। मिनी ग्रिड स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनायी गई नीति की चर्चा करते हुए अखिलेश ने कहा कि सभी स्टेक होल्डर (राज्य सरकार, निवेशक, बैंकर्स आदि) मिलकर बड़े पैमाने पर मिनी ग्रिड की स्थापना करने का प्रयास कर सकते हैं। ताकि अधिक से अधिक मजरों को कम से कम समय में गैरपारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के जरिए बिजली पहुंचाई जा सके।
इस मौके पर द रॉकफेलर फाउण्डेशन के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेन्ट एवं एशिया के प्रबन्ध निदेशक अश्विन दयाल ने कहा कि उनकी संस्था विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में मिनी ग्रिड की स्थापना के लिए काम कर रही है। अब-तक संस्था द्वारा प्रदेश में 58 मिनी पावर प्लान्ट स्थापित किए जा चुके हैं।
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