नई दिल्ली, 28 दिसम्बर | एएन-32 के लापता होने की घटना को अपने कार्यकाल की ‘सबसे बुरी याद’ करार देते हुए भारतीय वायु सेना प्रमुख अरुप राहा ने बुधवार को कहा कि वह बंगाल की खाड़ी के ऊपर उड़ने लायक नहीं था। आगामी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे राहा ने अपनी विदाई संवाददाता सम्मेलन के दौरान यहां कहा, “एएन-32 उस मार्ग पर उड़ने लायक विमान नहीं था। जिस ऊंचाई पर एएन-32 उड़ान भरता है, वह खराब मौसम के लिए सही नहीं होता।”
The Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal Arup Raha addressing a press conference, in New Delhi on December 28, 2016.
राहा ने कहा, “दुर्भाग्य से अथक प्रयास के बावजूद हम विमान का पता नहीं लगा सके।” उन्होंने इसे एक ‘आघात’ करार दिया।
उन्होंने कहा, “29 लोगों का कोई पता नहीं चला। हम उनके परिवार की वित्तीय तथा अन्य तरह से मदद कर रहे हैं।”
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि तलाशी के दौरान कई वस्तुएं मिलीं, लेकिन उनमें से कोई भी विमान से संबंधित नहीं था और समुद्र की सतह से 3-3.5 किलोमीटर की गहराई में खोज का भी कोई नतीजा नहीं निकला।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायु सेना ने सरकार से कहा है कि वह विदेश की कुछ एजेंसियों से संपर्क करे, जो लापता विमान की समुद्र तल पर तलाश करने में सक्षम हो।
राहा ने कहा कि ‘दुर्भाग्यवश विमान में अंडरवाटर लोकेटर बिकॉन नहीं लगा था।
उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई को एएन-32 विमान तांब्रम से पोर्टब्लेयर जाने के दौरान चेन्नई से लगभग 150 नॉटिकल मील दूर अपराह्न 12.25 बजे लापता हो गया था।
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