एक्सप्रेसवे का दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिल्ली-दौसा-लालसोट हाईवे बन जाने से दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा का समय घट जाएगा।
मोदी ने आज 12 फरवरी,2023 को राजस्थान के दौसा में दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली- दौसा-लालसोट खंड को राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 5,940 करोड रूपये से अधिक की लागत वाली 247 किलोमीटर की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक हजार तीन सौ 86 किलोमीटर की लंबाई के साथ देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी 1,424 किलोमीटर से घटकर एक 1,242 किलोमीटर रह जाएगी और यात्रा का समय भी 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे छह राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इसके साथ ही यह कोटा , इंदौर, जयपुर, भोपाल, बडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को भी जोडेगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से 93 पीएम गतिशक्ति आर्थिक क्षेत्र, 13 बंदरगाह, आठ बडे हवाई अड्डे और आठ बडे लॉजिस्टिक पार्क भी जुडेंगे।
एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रामीण हाट बनाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय किसान और काश्तकार लाभान्वित होंगे। जेवर और नवी मुंबई जैसे नए हवाई अड्डों और जेएनपीटी बंदरगाह को भी इस एक्सप्रेसवे का फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से राजस्थान के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों को भी फायदा होगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और पश्चिमी माल परिवहन गलियारा दोनों राजस्थान के साथ ही देश की प्रगति के दो मजबूत स्तंभ बनेंगे और आने वाले समय में इस समूचे क्षेत्र का कायाकल्प कर देंगे।
उन्होंने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं से राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी भारत के कई क्षेत्र बंदरगाहों से जुड जाएंगे। इससे लॉजिस्टिक सेवओं, भंडारण, परिवहन और अन्य उद्योग के लिए नए अवसर बनेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ने पार्वती-कालीसिंध और चम्बल को जोड़ने वाली योजना का प्रारूप तैयार किया है
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