मुंबई, 13 जून | बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को ‘उड़ता पंजाब’ को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से प्रस्तावित 13 कट पर रोक लगा दी। अदालत ने एक कट एवं तीन वैधानिक चेतावनियों (डिस्क्लेमर) के साथ फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है। फिल्म के सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि ‘इस मुद्दे पर हमारा रुख सही सिद्ध हुआ।’
न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति शालिनी पनसालकर-जोशी की खंडपीठ ने सेंसर बोर्ड को फिल्म के लिए ‘ए’ प्रमाण-पत्र जारी करने का भी आदेश दिया है। फिल्म को 17 जून को रिलीज होना है।
फोटो : मुंबई में 16 अप्रैल, 2016 को ‘उड़ता पंजाब’ की टीम फिल्म लॉन्च के अवसर पर। (आईएएनएस)
बंबई उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराने वाले फिल्म निर्माताओं के एक अधिवक्ता ने कहा, “अदालत ने सीबीएफसी की पुनरीक्षण समिति की 13 कट की मांग को दरकिनार कर दिया है और एक कट के साथ फिल्म को पास कर दिया है। जिस दृश्य को फिल्म से निकाला गया है, उसमें हीरो सार्वजनिक रूप से पेशाब करता दिखाया गया है, जिसे फिल्म से निकालने के लिए हम पहले ही तैयार हो गए थे।”
अधिवक्ता ने कहा कि अदालत ने सेंसर बोर्ड को फिल्म को ‘ए’ (वयस्कों के लिए) प्रमाण-पत्र देने का आदेश दिया है।
इससे पूर्व अदालत ने कहा कि ‘उड़ता पंजाब’ में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे देश की संप्रभुता पर सवाल खड़े हों। अदालत ने सीबीएफसी को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उसके पास फिल्मों को ‘सेंसर’ करने का अधिकार नहीं है।
न्यायमूर्ति धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति पनसालकर-जोशी ने कहा कि बोर्ड के नाम (सीबीएफसी) में कहीं भी ‘सेंसर’ शब्द नहीं है और बोर्ड को संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही अपनी शक्तियों का उपयोग करना चाहिए।
अदालत ने ये बातें ‘उड़ता पंजाब’ की निर्माता कंपनी फैंटम फिल्म्स की ओर से दाखिल एक याचिका पर अंतिम सुनवाई के दौरान कही। अदालत ने कहा कि रचनात्मक अभिव्यक्ति की आजादी पर किसी तरह की रोक नहीं है। किसी फिल्मकार को निर्देशित नहीं किया जा सकता कि वह क्या बनाए और क्या न बनाए।
अभिषेक चौबे निर्देशित ‘उड़ता पंजाब’ में शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर और दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिकाओं में हैं। –आईएएनएस
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