एक श्रद्धालु लोहे की कीलों और दो फरसों पर नंगे बदन लेट कर शिव के दर्शन करने ले जाया जा रहा है।

अगरतला में 13 अप्रैल, 2016 को चरक पूजा समारोह के दौरान एक श्रद्धालु लोहे की कीलों से बने पाटे और उस पर रखे फरसों पर नंगे बदन लेट कर चार भक्तों की मदद से शिव मंदिर दर्शन के लिए जारहा है। इस दिन भगवान महादेव की पूजा-आराधना की जाती है। फोटोः आईएएनएस

दक्षिणी बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में आयोजित चरक पूजा एक हिंदू लोक महोत्सव है जो चैत्र के महीने के अंतिम दिन (इसे बंगाली कैलेंडर में चैत्रो कहा जाता है) मनाया जाता है ।

लोगों का विश्वास ​​है कि यह त्योहार कष्टों को नष्ट करने और समृद्धि लाने का उत्सव है। श्रद्धालुओं को विश्वास है कि भगवान शिव बीते साल में आए कष्टों को दूर करेंगे और जीवन को इस साल खुशहाली से भर देंगे।