नई दिल्ली, 01 मार्च (जनसमा)। केंद्र सरकार की ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ (डीडीयूजीजे) के तहत 22 से 28 फरवरी, 2016 तक 305 गांवों का बिजलीकरण किया गया। इनमें से ओडिशा के 53, झारखंड के 48, अरूणाचल प्रदेश के 44, बिहार के 42, छत्तीसगढ़ के 34, उत्तर प्रदेश के 34, राजस्थान के 25, असम के 14, मणिपुर के 10, मध्य प्रदेश के एक गांव का बिजलीकरण किया गया।
फोटोः उत्तर प्रदेश के बस्ती में 11 सितम्बर, 2015 को दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के शुभारंभ के अवसर पर विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर देश को दिए संबोधन को देखते हुए भारत सरकार ने बचे 18,452 गांवों का बिजलीकरण एक हजार दिन के भीतर करने का निर्णय लिया है। 20 मई, 2018 को 1000 दिन पूरे होंगे। इस परियोजना को मिशन के रूप में लिया गया है और बिजलीकरण के लिए 12 महीने के भीतर क्रियान्वयन की कार्य सूची की रणनीति बनाई गई है। तय समय पर इस कार्यक्रम को पूरा करने के लिए इस पर निगरानी रखने के लिए 12 चरणों में बांटा गया है।
वर्ष 2015-16 में अब तक 5,930 गांवों का बिजलीकरण कर लिया गया है। बचे 12,522 गांवों में 8,678 का बिजलीकरण ग्रिड के जरिये 3,355 गांवों का ऑफ ग्रिड के जरिये और 489 गांवों का बिजलीकरण राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा। अप्रैल 2015 से 14 अगस्त, 2015 तक 1,654 गांवों का बिजलीकरण हो चुका है। और जब से सरकार ने इसे मिशन मोड के रूप ने लिया है अतिरिक्त 4,276 गांवों का बिजलीकरण 15 अगस्त, 2015 से 28 फरवरी तक कर दिया गया है।
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