नई दिल्ली, 23 दिसंबर। केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने फिल्म्स से संबंधित चार प्रमुख संस्थाओं– फिल्म्स डिवीजन, फिल्म समारोह निदेशालय, भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और बाल फिल्म सोसायटी का एनएफडीसी (NFDC) में विलय करने की मंजूरी दे दी है।
इन संस्थाओं द्वारा अब तक किए जा रहे सभी कार्यों को आगे से एनएफडीसी करेगा।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज हुई बैठक में मेमोरेंडम ऑफ आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन ऑफ एनएफडीसी का विस्तार करके अपनी चार मीडिया इकाइयों– फिल्म डिवीजन, फिल्म समारोह निदेशालय, भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और बाल फिल्म सोसायटी के विलय को मंजूरी दे दी।
सरकार का कहना है कि एक निगम के अंतर्गत फिल्म मीडिया इकाइयों के विलय से विभिन्न कार्यों के बीच एकरूपता आएगी। साथ ही बुनियादी ढांचे और मानव शक्ति का बेहतर और प्रभावी उपयोग हो सकेगा।
भारत एक साल में तीन हज़ार से अधिक फिल्में बनाने के साथ दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म निर्माता देश है, जहां उद्योग निजी क्षेत्र के हाथों में है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में फिल्म मीडिया इकाइयों के एक निगम के अंतर्गत विलय से कार्यों और साधनों में एकरूपता आएगी तथा बेहतर समन्वय स्थापित होगा।
एनएफडीसी केन्द्र सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। फ़िल्मों के विकास की योजना बनाने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए इस उपक्रम में 1975 से फिल्म उद्योग के दक्ष लोगों को शामिल किया गया था।
विलय की जाने वाली मीडिया इकाइयों के की परिसम्पत्तियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण के बारे में सलाह देने और विलय प्रक्रिया के पहलुओं को देखने के लिए एक लेन. देन सलाहकार और कानूनी सलाहकार की नियुक्ति की भी सरकार ने मंजूरी दे दी है।
सरकार ने कहा है कि सभी संबद्ध मीडिया इकाइयों के कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी और किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा।
- फिल्म डिवीजन की स्थापना 1948 में मुख्य रूप से सरकारी कार्यक्रमों और भारतीय इतिहास के चलचित्र संबंधी रिकॉर्ड के प्रचार के लिए वृत्तचित्र और न्यूज मैगजीन बनाने के लिए की गई थी।
- भारतीय बाल फिल्म सोसायटी की स्थापना सोसायटी कानून के अंतर्गत 1955 में की गई थी। इसका विशेष उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से बच्चों और युवाओं को मूल्य आधारित मनोरंजन प्रदान करना है।
- भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार की स्थापना 1964 में मीडिया इकाई के रूप में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सिनेमा से जुड़ीधरोहर को प्राप्त करना और उसे संरक्षित करना है।
- फिल्म समारोह निदेशालयकी स्थापनाभारतीय फिल्मों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए 1973 में की गई थी।
नई संस्था की परिकल्पना फिल्मों/ओटीटी मंचों की विषयवस्तु, बच्चों से संबंधित विषयवस्तु, एनीमेशन, लघु फिल्मों और वृत्तचित्रों सहित अपनी सभी शैलियों की फीचर फिल्मों में भारतीय सिनेमा का संतुलित और केन्द्रित विकास सुनिश्चित करना है।
Follow @JansamacharNews