इस्लामाबाद, 13 जून | पाकिस्तान के विदेश मामलों के शीर्ष सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्य यदि इसकी सदस्यता को लेकर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों के लिए समान मानदंड अपनाते हैं, तो इसमें शामिल होने का पाकिस्तान का दावा भारत से अधिक मजबूत होगा। ‘डॉन न्यूज’ को रविवार को दिए साक्षात्कार में अजीज ने कहा कि पाकिस्तान एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों के लिए मानदंड पर आधारित दृष्टिकोण अपनाने को लेकर विभिन्न देशों से संपर्क साधे हुए है।
उन्होंने कहा, “यदि एनएसजी एक समान मानदंड अपनाता है तो इसकी सदस्यता को लेकर पाकिस्तान का दावा भारत से कहीं अधिक मजबूत होगा।”
अजीज ने दावा किया कि पाकिस्तान को मानदंड आधारित दृष्टिकोण के लिए समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि भारत को एनएसजी की सदस्यता हासिल हो जाती है तो पाकिस्तान के प्रयास और इसके मजबूत दावे की वजह से वह भी इसमें पीछे नहीं रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अपनी परमाणु संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। अजीज ने कहा, “अगर आप भारत से तुलना करें तो, भारत ने वर्ष 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किया था। इसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु आपूर्ति की गई थी, लेकिन इसने इसका दुरुपयोग किया। इसके बाद एनएसजी का गठन हुआ। भारत से परमाणु सामग्री चुराई भी गई, लेकिन ऐसी कोई घटना पाकिस्तान के साथ नहीं हुई।”
एनएसजी का गठन वर्ष 1974 में भारत के परमाणु परीक्षण के बाद किया गया था। इसकी बैठक जून में होने वाली है।
एनएसजी 48 देशों का संगठन है, जो परमाणु हथियार के विकास में मददगार परमाणु सामग्रियों के निर्यात तथा हस्तांतरण पर नियंत्रण के जरिये परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए समर्पित है। –आईएएनएस
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