नई दिल्ली, 7 मार्च (जनसमा)। नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स ने दस साल के दौरानं विभिन्न आपदाओं एवं संकट में फंसे 4.73 लाख से अधिक लोगों की हिफाजत की है और उन्हें संकटग्रस्त स्थानों से सुरक्षित जगह पर पहुंचाया है।
इसके अतिरिक्त, एनडीआरएफ लगातार अपनी कार्यशाला, संगोष्ठी, जागरुकता कार्यक्रमों एवं प्रशिक्षण के जरिये आम लोगों की क्षमताओं को बढ़ाया और और उन्हें मजबूत बनाया है।
नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) सोमवार को दिल्ली में ‘राष्ट्रीय प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत बनाने’ पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।
इस कार्यशाला में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भाग लेंगे। भारत में कारगर आपदा प्रतिक्रिया, क्षमताओं, कमियों एवं एनडीआरएफ की भूमिका, राष्ट्रीय क्षमताओं को मजबूत करने के लिए समुदाय स्तर पर तैयारी को स्थानी स्तर पर लागू करने तथा ट्रामा केयर एवं सीबीआरएन आपात स्थितियों की तैयारी आदि पर विषेषज्ञ और जानकार अपने विचार साझा करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा उद्घाटन सत्र के प्रमुख वक्ता होंगे। गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे।
आपदा प्रबंधन हाल के वर्षों में एक बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। आपदा के प्रभाव को काफी हद तक कम करने के लिए आपदा जोखिम कमी (डीआरआर) को युक्तिसंगत बनाने, तैयारी करने, प्रबंधन एवं क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हितधारकों द्वारा प्रतिक्रिया प्राप्त करने आदि से संबंधित कई कदम उठाए जा रहे हैं।
एनडीआरएफ अपनी शुरूआत के बाद से ही न केवल अपने देश में बल्कि अपने देश की सीमा के बाहर भी आपदा के दौरान मुसीबत में पड़े लोगों को मुश्किलों से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध रहा है।
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