नई दिल्ली, 10 जनवरी। केंद्रीय बिजली, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत ने बड़े पैमाने पर ऊर्जा दक्षता मिशन का बीड़ा उठाया है जिससे उसका वर्ष 2018 के अंत तक एलईडी बल्ब पर पदांतरण (स्विच ओवर) हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष छह बिलियन डॉलर की बचत होगी।
मुंबई के हार्वर्ड कालेज में अमेरिका-भारत पहल सम्मेलन में गोयल ने कहा कि घरेलू सक्षम प्रकाश कार्यक्रम (डीईएलपी) के तहत अब तक लगभग 4.59 करोड़ (45.9 मिलियन) एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘जब सभी 71 करोड़ परंपरागत बल्बों की जगह एलईडी बल्ब लगा दिए जाएंगे तो इसके परिणामस्वरूप 100 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी।’ केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के जरिए छह करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित करने का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एलईडी कार्यक्रम को मिशन मोड में शुरू किया गया था और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) सफलतापूर्वक एलईडी बल्ब की कीमत को डेढ़ साल पहले की कीमत से एक तिहाई कम पर ले आई है। उन्होंने कहा कि हम जून में 73 रुपए प्रति बल्ब के हिसाब से एलईडी बल्ब खरीद पाए जबकि फरवरी 2014 में यह कीमत 310 रुपए थी। यानी कीमत में इस दौरान 76 प्रतिशत कमी आई।
गोयल ने कहा कि कोयले के बड़े भंडार वाले झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य ऊर्जा की कमी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का मिशन हर घर को बिजली उपलब्ध कराना है। यह एक बड़ी चुनौती है, लेकिन हम इसे एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में ले रहे हैं।
ग्रामीण विद्युतीकरण के बारे में बोलते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझे 1,000 दिनों में उन 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य दिया है, जिनका अभी तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है। लेकिन, मैं आश्वस्त हूं कि हम 730 दिन के भीतर इस मिशन को पूरा कर लेंगे।
पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि उनका मंत्रालय अत्यंत पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर तैयार किए गए ऐप (एप्लीकेशन) ‘गर्व ग्रामीण विद्युतीकरण’ के माध्यम से लोग तय समय के भीतर इस बात की जांच कर सकते हैं कि कितने गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है। एक स्मार्ट ऊर्जा कुशल भारत बनाने की मांग करते हुए पीयूष गोयल ने युवाओं से दुनिया का नेतृत्व करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ विरासत छोड़ने का आह्वान किया।
(हि.स.)
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