ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पंजाब ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से तुरंत दख़ल की माँग की है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार 4 मई, 2021 को राज्य को निकट के स्रोतों से 50 मीट्रिक टन तरल मैडीकल ऑक्सीजन (एल.एम.ओ.) की अतिरिक्त सप्लाई और बोकारो से एल.एम.ओ. की समय पर निकासी के लिए 20 अतिरिक्त टैंकरों (रेल सफ़र के अनुकूल) के साथ मैडीकल ऑक्सीजन की निर्विघ्न सप्लाई यकीनी बनाने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री दोनों को तुरंत दख़ल देने की माँग की है।
राज्य में विभिन्न स्तरों पर ऑक्सीजन के सहारे चल रहे कोविड मरीज़ों की संख्या 10,000 तक पहुंचने के चलते मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अलग-अलग पत्र भेजे हैं।
ऑक्सीजन सप्लाई की कमी के चलते राज्य भर में कीमती जानों के भारी नुक्सान पर गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ रहे मामलों के दबाव के साथ वह ऑक्सीजन की कमी के कारण स्तर 2 और स्तर 3 के बिस्तरों को बढ़ाने में असमर्थ हैं। राज्य को ऑक्सीजन के बिस्तरों की कमी होने की संभावना का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि भारत सरकार द्वारा पंजाब के स्थानीय उद्योगों को वाहघा अटारी सरहद के द्वारा जोकि भौगोलिक तौर पर नज़दीक है, एल.एम.ओ. की पाकिस्तान से आयात की आज्ञा देने की असमर्थता ज़ाहिर की गई है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा,’ ’मुझे यह बताते हुए अफ़सोस हो रहा है कि हमें वैकल्पिक स्रोतों से पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई का भरोसा देने के बावजूद ऐसा नहीं हुआ।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को बाहर से एल.एम.ओ. की कुल सप्लाई मौजूदा समय में 195 मीट्रिक टन मिल रही है जिसमें से 90 मीट्रिक टन पूर्वी भारत के बोकारो से मिल रही है। बाकी 105 मीट्रिक टन हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के एल.एम.ओ. केन्द्रों से मिल रही है।
उन्होंने कहा कि पंजाब को रोज़ाना निर्धारित कोटा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पंजाब का पानीपत (हरियाणा) से 5.6 मीट्रिक टन, सेला कुई, देहरादून (उत्तराखंड) से 100 मीट्रिक टन और रुड़की से 10 मीट्रिक टन का बैकलॉग पड़ा है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को अब केंद्र ने यह कहा है कि आज से पानीपत और बड़ोतीवाला से एल.एम.ओ. की सप्लाई में विघ्न पड़ने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य में पहले ही ऑक्सीजन की सीमित उपलब्धता पर भारी प्रभाव पड़ेगा जिससे मैडीकल इमरजेंसी के हालात पैदा हो सकते हैं जिसमें बड़ी संख्या में मरीज़ों की जान को ख़तरा पैदा हो सकता है जोकि नाजुक हालत में हैं और रेगुलर ऑक्सीजन के सहारे चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विघ्न से बचा जाना चाहिए। अगर ज़रूरत पड़ी तो राज्य को पास के अतिरिक्त स्रोतों से तुरंत सप्लाई भेजकर इसकी भरपाई की जानी चाहिए।
टैंकरों की कमी का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य दो खाली टैंकर हवाई मार्ग के द्वारा रोज़ाना राँची भेज रहा है और भरे हुए टैंकर 48-50 घंटों के सड़कीय सफ़र के द्वारा बोकारो से वापस आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही बोकारो से रोज़ाना 90 मीट्रिक टन की नियमित निकासी के लिए भारत सरकार को 20 अतिरिक्त टैंकर (रेल सफ़र के अनुकूल) अलॉट करने की अपील की थी परन्तु राज्य को यह बताया गया कि सिर्फ़ दो टैंकर ही मुहैया करवाए जाएंगे परन्तु वह भी अभी मिलने बाकी हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को तुरंत ही इस मामले में दख़ल देकर इस बड़े संकट को हल करने की अपील की।
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