नई दिल्ली, 6 जनवरी। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से वाहनों के लिए शुरू किया गया ‘‘ऑड-ईवन’’ फार्मूले का भविष्य 8 जनवरी को तय होगा जब दिल्ली हाईकोर्ट अपनी राय बताएगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए ऑड-ईवन फार्मूले पर सवाल उठाए हैं और दिल्ली सरकार से कहा है कि वह 7 दिन का प्रदूषण डाटा पेश करे और बताए कि कितना प्रदूषण कम हुआ है।
दिल्ली सरकार शुक्रवार तक सभी जानकारी कोर्ट को दे देगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि स्कीम को 6 दिन हो चुके हैं, आप एक हफ्ते में इस स्कीम को बंद कर डाटा इकट्ठा क्यों नहीं करते ? आप क्यों 15 दिन क्यों चाहते हैं ? एक हफ्ते में क्यों नहीं पूरा करते ? आपने यह पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया है, दो दिन और देख सकते हैं और फिर डाटा से देख सकते हैं कि इससे कितना फायद हुआ है ?
दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यह योजना 15 दिनों के लिए है। सरकार का कहना है कि प्रदूषण कम हुआ है।जजों ने भी स्पोर्ट किया है, लोग भी तैयार हैं। यह हमारे स्वास्थ्य से जुडा मुद्दा है यह बात लोगों को पता है।
ऑर्ड-ईवन फार्मूले को लेकर करीब 12 याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई हैं। दिल्ली में 1 जनवरी से ऑड-ईवन फॉर्मूला महिलाओं और टू-व्हीलर्स को ऑड-ईवन से क्यों अलग रखा गया है इस बाबत दिल्ली सरकार हाई कोर्ट में जवाब देगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूछा था कि महिलाओं और टू-व्हीलर्स को इस योजना के तहत छूट क्यों दी जा रही है।
ऑड-ईवन फॉर्मूला को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर भी हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस फार्मूले पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने इस फ़ैसले को जल्दबाजी में लागू कर दिया है जो मौलिक अधिकारों का हनन है।
क्या वकीलों को इस फार्मूले के तहत राहत मिल सकती है यह हाई कोर्ट तय करेगा। हालांकि पिछली बार कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी थी।
फोटोः आईएएनएस
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