अमृतसर, 6 जून | ऑपरेशन ब्लू स्टार की 32वीं बरसी पर सोमवार को अमृतसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। स्वर्ण मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष प्रार्थना की गई। मंदिर के भीतर अकाल तख्त के समक्ष शांतिपूर्ण तरीके से प्रार्थना का आयोजन किया गया। हालांकि खालिस्तान समर्थक और राज्य सरकार के विरोध में छिटपुट नारेबाजी भी सुनने को मिली।
फोटो: ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए लोगों के लिए 6 जून, 2016 को अमृतसर में प्रार्थना सभा में भाग लेते सिख समुदाय के लोग। (फोटो: आईएएनएस)
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) कार्यबल के सदस्यों और पुलिसकर्मियों की नजर अराजक तत्वों पर रही, जो ऑपरेशन ब्लू स्टार के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को बाधित करना चाहते थे। वे जगह-जगह सादे लिबास में तैनात थे।
अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) गुरबचन सिंह ने सिख समुदाय के लिए अपना संबोधन पढ़ा।
एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की 32वीं बरसी पर आयोजित समारोह में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने समाज के सभी वर्गो से संयम बरतने और शांतिपूर्वक बरसी मनाने की अपील की। यह अपील सिख कट्टरपंथियों और उदारवादी धड़ों के बीच झड़प की आशंकाओं के मद्देनजर की गई।
पिछले करीब तीन-चार साल से बरसी के मौके पर कट्टरपंथियों द्वारा खालिस्तान समर्थक नारेबाजी होती रही है। पिछले दो वर्षो में कुछ झड़पें भी हुई।
पंजाब पुलिस ने बरसी से पहले एहतियातन कई कट्टरपंथी सिख नेताओं को गिरफ्तार किया।
सिख संगठन दल खालसा ने सोमवार को ‘अमृतसर बंद’ का आह्वान किया है।
उल्लेखनीय है कि जून 1984 में अलगाववादी सिख नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में स्वर्ण मंदिर के अंदर छिपे हथियारबंद चरमपंथियों को बाहर निकालने के लिए सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था, जिसमें सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य लोगों की जान गई थी। –आईएएनएस
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