काठमांडू, 10 मई | प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और यूसीपीएन (माओवादी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल प्रचंड के बीच पिछले सप्ताह हुए नौ सूत्री समझौते के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को एक याचिका दायर की गई।
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, अनंत राज लुइटेल, केदार लुइटेल, मनोज खडका, प्रवींद्र राज जोशी और रुद्र पाठक की ओर से दायर एक संयुक्त याचिका में सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा मंत्रिमंडल को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिका दाखिल करने वाले ये सभी लोग वकील हैं।
याचिकाकर्ताओं ने याचिका में मांग की है कि दोनों दलों के समझौते का क्रियान्वयन रोकने के लिए एक आदेश जारी किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि समझौता स्वतंत्र न्यायापालिका के सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे संविधान का पालन किए बगैर किया गया है।
सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री ओली तथा यूसीपीएल माओवादी के अध्यक्ष दहाल ने सत्ताधारी गठबंधन को मजबूत करने के लिए पांच मई को एक नौ सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
यह समझौता तब हुआ था, जब प्रचंड ने ओली सरकार को गिराने और मुख्य विपक्ष नेपाली कांग्रेस के समर्थन से एक सरकार गठन की अपनी कोशिश छोड़ दी।
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