गंगटोक, 31 जुलाई | यूनेस्को द्वारा कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क को भारत की पहली ‘मिक्स्ड वल्र्ड हेरिटेज साइट’ घोषित किए जाने से हिमालयी राज्य के इको पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे अब पर्यटक लोकप्रिय पर्यटक स्थलों की बजाय इको पर्यटनस्थली की ओर रुख करेंगे जिससे राज्य में लोकप्रिय पर्यटक स्थलों पर पर्यटन से पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को भी रोका जा सकेगा।
कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क प्रकृति तथा संस्कृति की परंपरागत कड़ी है तथा यूनेस्को ने वर्ष 2006 से इसे वल्र्ड हेरिटेज साइट की सम्मानित सूची में रखा था। सरकार ने वर्ष 2025 तक 8586 मीटर ऊंचाई पर स्थित भारत की सबसे उंची तथा विश्व की तीसरी ऊंची पर्वत श्रृंखला कंचनजंगा में 12 लाख पर्यटक आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने बताया कि राज्य में पिछले दस वर्षो में देशी तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या दोगुनी से भी बढ़ गई है। राज्य में वर्ष 2005 में 347650 भारतीय पर्यटकों ने दौरा किया जिसकी संख्या वर्ष 2015 में बढ़कर 705023 दर्ज की गई। इसी तरह राज्य में वर्ष 2005 में 16518 विदेशी पर्यटकों ने राज्य का दौरा किया जिनकी संख्या वर्ष 2015 में बढ़कर 37479 दर्ज की गई। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 में 12 लाख पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है।
चामलिंग ने बताया कि कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क पूर्वी हिमाचल क्षेत्र में वर्ष 1977 में 850 वर्ग किलोमीटर में स्थापित किया गया तथा वन्य जीवों के संरक्षण तथा विकास के लिए इसे मई 1997 में 1784 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तक बढ़ा दिया गया।
कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क की घेरेदार ऊंचाई विश्व के सभी संरक्षित क्षेत्रों में सर्वाधिक है। इस पार्क मंे बर्फीले पहाड़, ग्लेशियर, ऊंची झीलें, चारागाह, ठंडे रेगिस्तान तथा विभिन्न प्रजातियों की वनस्पति तथा जीव-जंतुओं से भरे वन क्षेत्र विद्यमान हैं जोकि पर्यटकों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस पार्क में 1220 से 8586 मीटर ऊंचाई वाले भिन्न क्षेत्र पाए जाते हैं। यह पार्क विश्व के उच्चतम इको सिस्टम से सम्पन्न माना जाता है।
कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क की 20 चोटियां 6000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है। इस पार्क की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला कंचनजंगा 8586 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जोकि विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है। कंचनजंगा देश की सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित पर्वतश्रृंखला है।
इस पार्क में हिमालय क्षेत्र की 22 घरेलू तथा 22 दुर्लभ, बहुमूल्य तथा संकटग्रस्त पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं।
कंचनजंगा का शाब्दिक अर्थ ‘भगवान का घर’ कहलाता है।
इस पार्क में न्यूनतम तथा अधिक तापमान समुद्र तल से ऊंचाई के अनुरूप रिकार्ड किया जाता है। जनवरी माह सबसे ठंडा तथा अगस्त माह सबसे गर्म माना जाता है। गर्म मौसम में अधितम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक मापा जाता है, जबकि सर्दियों के तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है।(आईएएनएस)
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