नई दिल्लीए 27 जनवरी (जनसमा)। रेल इंन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए संयुक्त उद्य कंपनी बनाने पर केरल और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ रेलवे के दो अलग.अलग समझौते किए गए। इस अवसर पर रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु भी उपस्थित थे। उन्होंने राज्यों में रेल अवसंरचना विकास के लिए रेल मंत्रालय के साथ समझौते की सहमति देने वाले 17 राज्यों को धन्यवाद दिया ।
समझौता हस्ताक्षर समारोह में रेल बोर्ड के अधिकारी सदस्य मेकेनिकल हेमंत कुमार, मेंबर स्टाफ प्रदीप कुमार तथा वित्त आयुक्त एस मुखर्जी मौजूद थे।
समझौते पर रेल मंत्रालय की ओर से कार्यकारी निदेशक(कार्य)वेद प्रकाश डुडेजा तथा आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से ओएसडी पी़ के़ श्रीवास्तव तथा केरल सरकार की ओर से परिवहन विभाग के सचिव शिवशंकर एम ने हस्ताक्षर किए।
यह समझौता रेल बजट में रेल मंत्री द्वारा परियोजना विकास, संसाधन जुटाने, भूमि अधिग्रहण, परियोजना क्रियान्वयन तथा महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं की निगरानी के लिए राज्यों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने का संकल्प व्यक्त किए जाने के संदर्भ में किए गए हैं ।
इस अवसर पर रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि सहकारी संघवाद को लेकर भारतीय रेल का सुखद सपना पूरा हुआ है ।
उन्होंने कहा कि कुछ कार्य हैं जो सीधे तौर पर केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित होते हैं। यह हैं रक्षा, विदेश नीति तथा मुद्रा । रेलवे भी सरकार द्वारा सीधे तौर पर प्रशासित है। हमें हमेशा राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सार्वजनिक प्रतिष्ठान आदि के स्तर पर जमीनी स्तर पर साझेदारी करनी चाहिए।
एक साथ काम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के साथ संबंध परियोजना से आगे का संबंध है और यह संबंध कारोबारी स्वभाव का नहीं है । उन्होंने कहा कि निर्णय लेने के तरीके को विकेंद्रित करके नया परिवर्तन लाया गया है । नए कदम से राज्य सरकारों की पहलों में सुधार होगा और इससे रेल परियोजनाओं को तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी ।
उन्होंने कहा कि रेलवे और अधिक कंपनियां बना रहा है और अंततः हम कोष का लाभ उठाएंगे। 400 स्टेशनों का कायाकल्प करना बहुत बड़ा कार्य है । इससे रेलवे के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन जुटेगा। उन्होंने कहा कि रेल और सड़क को मिलकर काम करना होगा और भारतीय रेल बहु माडल रेल सहयोग विकसित करने के लिए संकल्पबद्ध है ।
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