नई दिल्ली, 12 मार्च (जनसमा)। सरकार ने ऐसे करदाताओं के मामले में जिनकी स्रोत पर कर कटौती की गई है, लेकिन कटौतीकर्ता ने उसे सरकार के खाते में जमा नहीं किया है, उनकी आय से जिस सीमा तक कर की ऐसी कटौती की गई है उसके लिए उन्हें भुगतान करने के लिए नहीं कहा जाएगा। यह करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है।
ये र्निेशकेंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को दिए हैं।
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस आशय का एक पत्र 1 जून 2015 को जारी किया गया था। इस पत्र के माध्यम से कटौतीकर्ता द्वारा कर दाता की स्रोत पर आय कर की कटौती करने के बाद उसकी सरकारी खाते में जमा न करने के मामले में टैक्स क्रेडिट असंतुलित होने के कारण कर निर्धारती के विरुद्ध प्रत्यक्ष मांग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
बोर्ड की यह जानकारी में आया है कि क्षेत्रीय कार्यालयों में इन निर्देशों का कडाई से पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए पत्र की सामग्री को दोहराते हुए कल इस बारे में एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें आकलन अधिकारियों को ऐसे कर दाताओं से मांग के लिए कोई दबाव न डालने के लिए कहा गया है।
यह कार्यालय ज्ञापन दिनांक 11 मार्च 2016 विभाग की वेबसाइटwww.incometaxindia.gov.in. पर उपलब्ध है।
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