जेनेवा, 28 जून । मध्य पूर्व के देशों सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों की मांग है कि कतर पर लगाये गए प्रतिबंधों को हटाने के बदले में टीवी चैनल ‘अल जज़ीरा’ मीडिया नेटवर्क को बंद कर दिया जाए। यह क्षेत्र पहले से ही रिपोर्टिंग और सभी प्रकार के मीडिया पर गंभीर प्रतिबंध से पीड़ित है।
यह चिन्ता बुधवार को व्यक्त की संयुक्त राष्ट्र के राय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों के विशेष दूत डेविड काये ने।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा अगस्त 2014 में राय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा और संरक्षण के लिएअमेरिका के डेविड काये को विशेष दूत नियुक्त किया गया था।
“अगर राजनयिक संकट के बहाने अल जज़ीरा को नष्ट करने के लिए मजबूर किया गया तो यह मांग मीडिया की स्वतंत्रता के लिए एक गंभीर खतरा है ” काये ने कहा।
वर्तमान में कतर की आर्थिक नाकाबंदी करने वाले देशों सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों द्वारा कतर को प्रतिबंध उठाने के लिए जारी की गई कथित 13 मांगों की सूची में अल जज़ीरा को बंद करना शामिल है।
कतर को मांगे मानने के लिए 10 दिन का समय दिया गय हैं। अगर ‘अल जज़ीरा’ को बंद करने की मांग मान लीगई तो इससे दूसरे टीवी चैनल्स अरब 21, न्यू अरब, शार्क और मध्य पूर्व आई भी प्रभावित होंगे।
काये ने कहा कि सूचनाओं का उपयोग करने का हर किसी काे अधिकार है किन्तु मीडिया की स्वतंत्रता और सुरक्षा गहराई से प्रभावित हो तो वह अधिकार सुरक्षित नहीं रहेगा।
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