पटना, 30 अगस्त| बिहार में गंगा सहित अन्य प्रमुख नदियों के जलस्तर में लगातार गिरावट जारी है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। बाढ़ से 12 जिलों के 2029 गांव की 37.74 लाख आबादी प्रभावित है। बाढ़ से अब तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस बीच, पुनपुन तथा सोन नदी के अलावा गंगा की तमाम सहायक नदियों के जलस्तर में हालांकि लगातार कमी हो रही है, लेकिन अभी भी गंगा और बूढ़ी गंडक कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, मंगलवार को भी गंगा और सोन सहित सभी नदियों के जलस्तर में कमी आई है। पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर सुबह 10 बजे 49.77 मीटर दर्ज किया गया।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता रविंद्र प्रसाद ने आईएएनएस को बताया कि इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। सुबह 10 बजे इंद्रपुरी बैराज के पास जलस्तर 53,928 क्यूसेक दर्ज किया गया।
गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि बूढ़ी गंडक खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिले के दियारा क्षेत्र बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।
बिहार में गंगा नदी के ऊफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक करीब 7.06 लाख लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है, जिनमें से करीब 3.92 लाख लोगों को 631 बाढ़ राहत शिविरों में रखा गया है।
बाढ़ से करीब 3़ 69 लाख पशु प्रभावित हुए हैं। पशुओं के लिए भी 184 शिविर चलाए जा रहे हैं।
विभाग के मुताबिक, हाल में आई बाढ़ से कुल 61 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें भोजपुर जिले में 15, समस्तीपुर में 11, बेगूसराय में नौ, वैशाली में सात, खगड़िया में छह, सारण में पांच, लखीसराय में तीन, भागलपुर में दो और पटना, बक्सर एवं मुंगेर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
बाढ़ से 57 पालतू पशुओं की भी मौत हो गई है।–आईएएनएस
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