करदाताओं

पहली बार करदाताओं के अधिकारों और कर्तव्यों को कोडीफाई किया गया

नई दिल्ली, 13 अगस्त। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की नई व्यवस्था का आज लोकार्पण  करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार करदाताओं के अधिकारों और कर्तव्यों को कोडीफाई किया गया है, उनको मान्यता दी गई है।

प्रधान मंत्री मोदी ने आज पारदर्शी कराधान – ऑनरिंग द ईमानदार ’प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की Dignity का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा। अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता। अगर किसी प्रकार का संदेह है भी, तो टैक्सपेयर को अब अपील और समीक्षा की अधिकार दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है। स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है।

प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष कर सुधारों के अगले चरण का खुलासा किया जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अनुपालन में ढील और ईमानदार करदाताओं को पुरस्कृत करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, केंद्र द्वारा पेश किए गए सभी सुधारों के बीच, पिछले 6-7 वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में लगभग ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। हालांकि, उन्होंने कहा, यह भी सच है कि 130 करोड़ रुपये के देश में और यह अभी भी बहुत कम है।